देहरादून। देश के किसानों द्वारा उत्पादित किसी भी फसल या उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार निर्धारित करती है जिससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके, लेकिन आयुर्वेदिक औषधीय उत्पादों (जड़ी बूटियों) के मामले में इसका उल्टा हो रहा है। उत्तराखंड की सरकार ने जड़ी बूटियों का समर्थन मूल्य निर्धारित करने का अधिकार आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने वाली निजी व्यवासायिक कंपनी पतंजलि को दे दिया है।
उत्तराखंड की भाजपा सरकार में मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पतंजलि प्रमुख आचार्य बालकृष्ण की मौजूदगी में इस आशय का फैसला लिया गया है कि सरकार उन सभी जड़ी बूटियों की सूची पतंजलि को देगी जो राज्य में मौजूद हैं या जिनका उत्पादन होता है। इसके बाद पतंजलि इनके न्यूनतम क्रय मूल्य तय करेगी। उत्तराखंड में पैदा होने वाली जड़ी बूटियों के खरीद मूल्य की घोषणा अब राज्य सरकार नहीं करेगी। अब से जड़ी बूटियों का दाम बाबा रामदेव के स्वामित्व वाली पतंजलि तय करेगी। ऐसा पहली बार होगा कि जब राज्य सरकार ने जड़ी बूटियों का दाम तय करने का अधिकार एक निजी व्यावसायिक कंपनी को दे दिया। इसके साथ ही सरकार ने यह फैसला लिया है कि राज्य में जो टूरिस्ट सेंटर बंद पड़े हैं उनका संचालन भी पतंजलि को सौंप दिया जाएगा।
सीएम ने इस दिशा में पतंजलि की ओर से सहयोग किए जाने पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को धन्यवाद दिया। सीएम ने यह भी कहा कि उत्तराखंड से पलायन रोकने,किसानों की आय बढ़ाने,स्वरोजगार के अवसर व आयुष ग्राम की स्थापना के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार बाबा की गोदी में बैठी नजर आ रही है। अगर हम इसी फैसले की बात करें तो कोई व्यापारी भला किसान को ज्यादा मूल्य क्यों देगी। जड़ी बूटी का मूल्य सरकार को तय करना चाहिए।