वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को किया 2020-21 बजट पेश। बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि विदेशों में टैक्स का भु’गतान नहीं करने वाले प्रवा’सी भारतीयों को अब भारत में टैक्स देना होगा।
इस बजट से एनआरआई लोगों को बड़ा झ’टका लगेगा क्योंकि बजट में लाये गये नये नियमों के अनुसा’र वह एनआरआई जो विदेशों में टैक्स नहीं भरते उन्हें भारत में टैक्स देना होगा।
साथ ही एक एनआरआई होने से जुड़े नियम में भी बदलाव किया गया है। अब उस व्यक्ति को ही एनआरआई माना जायेगा जो साल में 241 दिन यानी 8 महीने देश से बाहर रहे। पहले साल में 182 दिन भारत से रहने वालों को एनआरआई का दर्जा मिलता था।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा, “कई मामलों में हमने पाया कि कुछ लोग किसी देश के निवासी नहीं हैं। वे अलग-अलग देशों में कुछ समय के लिए ठहरते हैं। कोई भी भारतीय नागरिक अगर वह किसी अन्य देश का नागरिक नहीं है, उसे भारतीय माना जाएगा और उसकी दुनिया भर में होने वाली आय टैक्स के दाय’रे में आएगी।”
नये नियमों पर सरका’र की दलील है कि इससे लोगों को देश के टैक्स सिस्टम में मौजूद खा’मियों का फायदा उठाने से रो’कने में मिलेगी। इसीलिए एनआरआई टैग के अनुसा’र प्रावधानों को बदल दिया है।