नकली दवाओं की सप्लाई पर रोक लगाने की कोशिशों में लगी सरकार, अब हर दवा पर होगा…

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मार्केट में आज कल नकली दवाओं की सप्लाई कुछ ज्यादा ही हो गई है। कंज्यूमर्स को पता भी नहीं चलता और उनको नकली दवा दे दी जाती है। ऐसे में इसकी बिक्री कम करने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। हाल ही में कुछ जगहों पर नकली दवाएं बेचने वालों का पर्दा फाश हुआ है। जिसको देखते हुए भारत सरकार ने फैसला लिया है कि अब से दवाओं की क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं को ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ योजना को अपनाना पड़ेगा।

इस योजना के अनुसार पहले तो कंपनी इन दवाओं की प्राथमिक उत्पाद पैकेजिंग करेगी। प्राथमिक उत्पाद पैकेजिंग यानी बोतल, कैन, जार या ट्यूब में पैकेजिंग। इसके बाद इन सभी प्राथमिक उत्पाद पैकेजिंग पर बारकोड या क्यूआर प्रिंट करेंगी। ताकि कोई भी कंज्यूमर आसानी से दावा की पूरी जानकारी हासिल कर सके। ऐसे में कंज्यूमर के दो फायदे होंगे। पहला ये कि उसको सही दावा मिलेगी और दूसरा ये कि इन दवाओं की उनको सही कीमत पता चलेगी। सूत्रों के अनुसार इन दवाओं में 100 रुपये प्रति स्ट्रिप से अधिक की एमआरपी वाली दवाओं को शामिल किया जाएगा।

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मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में तेलंगाना ड्रग्स अथॉरिटी ने एक नकली दवा का पर्दा फाश किया है और जनता से इस दावा का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। बता दें कि ये दवा थायरॉयड को कंट्रोल करने की है। इसका नाम थायरोनॉर्म है, ये मार्केट में काफी बिकती है। ड्रग्स अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक ये दवा नकली पाई गई है। गौरतलब हैं कि इस दवा को बनाने वाली कंपनी ने भी कुबूल है कि थायरोनॉर्म नकली है।