दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास एक बिल्डिंग भीषण आग का शिकार हो गई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और कई लोगों के घायल होने की भी जानकारी मिली थी। हालांकि अभी तक ये कन्फर्म नहीं हो पाया है कि कितने लोग इस घटना का शिकार हुए थे और इसमें कितने लोगों की मौत हुई। ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो इस घटना में 19 शव से बरामद हुए हैं जिनकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है। बुरी तरह जलने के कारण देख कर किसी भी शव की पहचान करना लगभग नामुमकिन है। जिसके चलते अब डीएनए जांच के जरिये इन शवों की पहचान की जाएगी।
इस काम के लिए एफएसएल रोहिणी की एक बड़ी टीम को चुना गया है। बताया जा रहा है कि एफएसएल को जांच के लिए 100 सैम्पल मिले हैं। इस मुद्दे पर एफएसएल की डायरेक्टर दीपा वर्मा से बात की गई है। इस दौरान उनसे कई सवाल पूछे गए हैं। उनसे पूछा गया कि हादसे में 19 शव ऐसे बरामद हुए हैं जिनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है तो अब उनकी पहचान किस तरह की जाएगी.?
इसके जवाब में दीपा वर्मा कहती हैं कि “हमारे पास सैम्पल फ़ॉरेंसिक डीएनए जांच के लिए जमा कराए जाते हैं। उस फ़ॉरेंसिक जांच से हम डीएनए प्रोफाइल जनरेट करते हैं, मृतक का भी और उसके रिश्तेदारों का भी। फिर डीएनए मैच करने से पता चलता है कि ये पर्सन उसका रिश्तेदार है कि नहीं।” इसके बाद उनसे पूछा गया कि अब तक उनके पास कितने सैंपल टेस्ट के लिए आए हैं.? और उनकी जांच में कितना समय लग सकता है.?
जवाब में वह कहती हैं कि “करीब 100 सैम्पल हैं हमारे पास जिसमे विक्टिम का सैंपल या मृतक का सैंपल या रिश्तेदार का सैंपल, जांच के समय से तय होगा कि वो जो अवशेष मिला है वो किस तरह का है, क्योंकि अलग-अलग बॉडी के जो सैंपल होते हैं, उनका एक्जामिनेशन टाइम अलग-अलग होता है। तो किस तरह का सैंपल मिला है और उसकी क्वालिटी क्या है, वो उस पर निर्भर करता है। फिर भी प्रायोरिटी पर हम इसकी जांच कर रहे हैं। हमारी टीम लगी हुई है।”