मुंबई: भारतीय सिनेमा के जीवित किंवदंती, ‘भारत कुमार’ के नाम से प्रसिद्ध अभिनेता मनोज कुमार का 4 अप्रैल को तड़के करीब 3:30 बजे निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे और लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। शनिवार को मुंबई के जुहू स्थित पवनहंस श्मशान घाट में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
मनोज कुमार का पार्थिव शरीर जैसे ही अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, उनके चाहने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार—अमिताभ बच्चन, प्रेम चोपड़ा, राजपाल यादव समेत कई सितारे उन्हें अंतिम प्रणाम करने पहुंचे। हर आंख नम थी, हर दिल भारी।
अंतिम विदाई का भावुक दृश्य
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें मनोज कुमार की पत्नी शशि गोस्वामी अपने पति के पार्थिव शरीर से लिपटकर फूट-फूटकर रोती नजर आ रही हैं। यह दृश्य हर दर्शक के दिल को चीर गया—वो विरह, वो पीड़ा जिसने एक युग का अंत घोषित कर दिया।
‘भारत’ का सपूत चला गया
मनोज कुमार सिर्फ अभिनेता नहीं थे, वे भारतीयता के प्रतीक थे। ‘पूरब और पश्चिम’, ‘उपकार’, ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों ने उन्हें आम जनमानस का हीरो बना दिया। उन्होंने पर्दे पर जो ‘भारत’ जिया, वो आज भी हर देशभक्त की धड़कनों में बसता है।
बॉलीवुड ने दी श्रद्धांजलि
अमिताभ बच्चन ने कहा, “मनोज जी भारतीय सिनेमा की आत्मा थे। उनसे बहुत कुछ सीखा। राजपाल यादव ने कहा, “उनके जैसा देशभक्त कलाकार दोबारा नहीं होगा।” प्रेम चोपड़ा ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, “वो सिर्फ एक अभिनेता नहीं, सिनेमा के तपस्वी थे।”
युग का अंत, लेकिन यादें अमर
मनोज कुमार का जाना सिर्फ एक अभिनेता की विदाई नहीं है, बल्कि भारतीय सिनेमा के एक युग की समाप्ति है। वो चले गए, लेकिन ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ जैसी धुनों में उनकी आवाज़, उनका जज़्बा और उनका ‘भारत’ हमेशा जिंदा रहेगा।
(मनोज कुमार, 1937–2025: श्रद्धांजलि)