कांग्रेस महाधिवेशन में बड़े फैसले, संविधान में किए 5 बदलाव

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कांग्रेस पार्टी ने रायपुर में चल रहे महाधिवेशन के दौरान अपने संविधान में बड़े बदलाव किए हैं. कांग्रेस ने अधिवेशन में  SC, ST और महिलाओं को ध्यान में रखा गया है. कांग्रेस के संविधान में संशोधन किया जिसके तहत पार्टी के संगठन में सभी स्तर पर अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना है. पर्चा सिस्टम खत्म कर दिया गया है.

यानी किसी को भी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता केवल डिजिटल माध्यम से मिलेगी. सदस्यता फॉर्म में ट्रांसजेंडर विकल्प, मां और पत्नी का नाम भी शामिल किया जाएगा. पार्टी ने तय किया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाएगी. कांग्रेस ने अपने संविधान में संशोधन किया, जिसके तहत कार्य समिति के स्थायी सदस्यों की संख्या 35 होगी, पार्टी से जुड़े प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष इसके सदस्य होंगे. इसमें आधी सीट एससी, एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और युवाओं के लिए आरक्षित होगी.

महाधिवेशन के दूसरे दिन राजनीति, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रस्तावों पर चर्चा की जा रही है. कांग्रेस का तीन दिवसीय महाधिवेशन 23 फरवरी को आरंभ हो गया. पहले दिन पार्टी की संचालन समिति ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों का चुनाव नहीं होगा, बल्कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत होंगे.

राजनीति मामले के प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस वादा करती है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी. बता दें कि इसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई नेता पहुंचे हैं.