मुंबई. महाराष्ट्र का सियासी माहौल बदलता दिख रहा है. बरसों से भाजपा की साथी शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के हाथ थाम लिया है. राज्य में सरकार बनाने के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बीजेपी से पुराना नाता तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन कर लिया. गठबंधन में सरकार चलाने के कारण शिवसेना को हिंदुत्व समेत कई मुद्दों को ठंडे बस्ते में डालना पड़ गया है.
अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे अब इस तरह से अपनी राजनीति का विस्तार करना चाहते हैं कि बाल ठाकरे के सच्चे राजनीतिक वारिस वो हों. खुद को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की हिंदुत्व की विरासत के असली दावेदार के तौर पर पेश कर रहे हैं. इसकी बानगी मनसे की मुंबई के गोरेगांव में हुई मेगारैली में देखने को मिली.
बाल ठाकरे की जयंती पर राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने दो बड़े बदलाव किए. उन्होंने बेटे अमित ठाकरे की पार्टी में एंट्री कराई. वहीं, अधिवेशन के दौरान अपने पुराने झंडे को बदलकर भगवा झंडा कर दिया. इस झंडे में संस्कृत में ‘प्रतिपच्चन्द्रलेखेव वर्धिष्णुर्विश्ववन्दिता, शाहसूनो: शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते’ श्लोक लिखने के साथ ही शिवाजी महाराज की मुद्रा भी मौजूद है. मनसे ने अपना नया झंडा उस दिन पेश किया है, जिस दिन शिवसेना बाल ठाकरे की जयंती मना रही है.