लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहें एक जोड़े को हाईकोर्ट ने बताया अपवित्र, सुरक्षा देने से किया इंकार…

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शादी का बंधन एक ऐसा बंधन है जिसको सबसे पवित्र बंधन माना जाता है। शादी के दौरान जन्मों जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाई जाती हैं और लोग इसपर अमल भी करते हैं। लेकिन कई बार पति या पत्नी के बुरे व्यवहार की वजह से ये बंधन टूट जाता हैं। शादी के साथ साथ आज कल लिव-इन रिलेशनशिप (live-in relationship) की भी संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन हाल ही में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) ने लिव-इन रिलेशनशिप को अपवित्र बताया है।

खबर के अनुसार उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें एक विवाहित महिला लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी। लेकिन उसके घरवाले उसको जान से मरने के धमकी दे रहे थे। जिसके लिए उन्होंने कोर्ट से अपने लिए सुरक्षा देने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने इस रिश्ते को अपवित्र बताते हुए सुरक्षा देने से इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति संत प्रकाश ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि “याचिकाकर्ता-दंपति का मामला यह था कि महिला के माता-पिता ने उसकी इच्छा के विरुद्ध उसकी शादी जुलाई 2018 में कर दी थी। उस विवाह में से एक बच्चे का जन्म हुआ। लेकिन महिला शादी से नाखुश थी।”
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याचिका में आरोप था कि उसका पति उसको मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था। जिसकी वजह से उसने उसको छोड़ कर सह-याचिकाकर्ता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का फैसला लिया। बता दें कि महिला का एक बच्चा भी था जिसको छोड़ कर वह सह-याचिकाकर्ता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगी। बताया जा रहा है कि कोर्ट से पहले उन्होंने 13 अगस्त को पुलिस अधिकारियों को एक शिकायत पत्र सौंपा था। लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की गई थी। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट से सुरक्षा देने की अपील की, लेकिन कोर्ट ने इसको खारिज कर दिया।