बिहार में शराब से हाहाकार, अब तक 28 लोगों की मौत

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बिहार में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बुधवार से अबतक 28 लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावे दर्जनों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. वहीं कई लोगों को गंभीर हालत में पटना रेफर किया गया है. सिवान में 20 और छपरा में 4 लोगों की मौत की प्रशासनिक पुष्टि हुई है.

सिवान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के माघर गांव में पॉलीथिन वाली जहरीली शराब पीने के बाद लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी थी. उल्टी, पेट दर्द और आंखों से नहीं दिखने की शिकायत के बाद कई लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिनमें से 24 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 4 लोगों को पीएमसीएच रेफर किया गया है, इनकी आंखों की रोशनी चली गई है.

एक तरफ जहां पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, वहीं जानकारी मिल रही है कि परिजनों ने प्रशासन के डर से कई शवों का अंतिम संस्कार भी कर दिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जहरीली शराब सिवान जिले के गहर कौड़िया गांव से मंगवाई गई थी. जिस गांव में ये हादसा हुआ है, वह सिवान और छपरा की सीमा पर स्थित है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है. दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गयी. बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है.

BIHAR HOOCH TRAGEDYनेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि  इतने लोग मारे गए लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की. जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते हैं लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है. कितने भी लोग मारे जाए लेकिन मजाल है कि किसी वरीय अधिकारी पर कोई कार्रवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? क्या सीएम ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?