रुद्रप्रयाग: इसी साल केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ विधानसभा सीट खाली हो गई थी। इसके चलते ही इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जिसके लिए आज मतदान हो रहा है। केदारनाथ विधानसभा के 90 हजार से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। केदारनाथ में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत ने भणज पोलिंग बूथ पर वोट डाला। भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने सारी गांव में अपना मतदान किया। पोलिंग बूथों पर भी लोगों के आने का सिलसिला जारी है।
उपचुनाव में कांग्रेस की ताकत केदारनाथ धाम के नाम पर दिल्ली में प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण, धाम से सोना गायब होना, केदारघाटी में आपदा के मुद्दे को ताकत मान रही है। 2017 में केदारनाथ विस जीत कर मनोज रावत ने महिला उम्मीदवार जीतने का मिथक तोड़ा था। कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार भी मनोज रावत मिथक को तोड़ेंगे।
कांग्रेस की चाहत केदारनाथ में जीत के साथ 2027 के लिए एक बड़ा संदेश देने की भी है। लोस चुनाव में पांचों सीट हारने के बाद कांग्रेस के हौसले पस्त थे, लेकिन बदरीनाथ व मंगलौर विस उपचुनाव में जीत ने उम्मीदों से भर दिया। उसने मिशन केदारनाथ के लिए प्रचार में पूरी ताकत झोंकी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मोर्चा संभाला।
अलग-अलग गुटों में बंटी कांग्रेस उपचुनाव के प्रचार युद्ध में भाजपा पर पूरी एकजुटता संग वार-पलटवार करती नजर आई। अब उसे मनचाहे नतीजे का इंतजार है। बदरीनाथ व मंगलौर उपचुनाव में जीत का उत्साह केदारनाथ के प्रचार को प्रचंड बनाने में उसके खूब काम आया
वहीं, भाजपा की बात करें तो भाजपा का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट यह है कि उनकी प्रदेश और केंद्र में सरकार है। केदारनाथ धाम से सीधे पीएम मोदी का जुड़ाव, सीएम, मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारियों का प्रचार, महिला मतदाता बहुल सीट पर दो बार की विधायक रही महिला चेहरे आशा नौटियाल पर लगाया गया दांव, कराए गए विकास कार्य मजबूत पक्ष माने जा रहे हैं। भाजपा को उम्मीद है कि एक बार फिर महिला प्रत्याशी पर लगाया गया दांव सही साबित होगा।