बंद पड़े खातों पर भी मिलेगा ब्याज, लाभान्वित होंगे करोड़ों लोग

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक अप्रैल से निष्क्रिय यानी बंद पड़े खातों पर ब्याज देने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से नौ करोड़ खाताधारकों को लाभ होगा जिसमें 32,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा हैं।

बीते दिन ही सरकार की ओर से कर्मचारी भविष्य निधि कोष के निष्क्रिय खातों पर भी ब्याज देने की स्वीकृति मिल गई है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने मंगलवार को कहा कि ईपीएफ के निष्क्रिय खातों पर ब्याज देने का फैसला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 212वीं बैठक में लिया गया है।

ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने इस आशय का निर्णय किया। सीबीटी के अध्यक्ष श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय हैं। सीबीटी की बैठक के बाद दत्तात्रेय ने कहा, ‘संप्रग सरकार ने निष्क्रिय खातों पर ब्याज देना बंद कर दिया था।

अब हमने कर्मचारियों के हित में फैसला किया है।’ उन्होंने कहा, हमने अब निष्क्रिय पड़े खातों में ब्याज देने का फैसला किया है। लिहाजा ऐसे में अब कोई भी खाता निष्क्रीय नहीं होगा, क्योंकि उस पर भी ब्याज मिलेगा। दत्तात्रेय ने यह भी कहा कि निष्क्रिय खातों पर ब्याज का भुगतान एक अप्रैल से लागू किया जाएगा।

आपको बता दें कि निष्क्रिय खाते वे हैं जहां 36 महीने से कोई योगदान नहीं आ रहा है। गौरतलब है कि पहले ईपीएफओ की ओर से 1 अप्रैल 2011 से ऐसे खातों पर ब्याज देना बंद कर दिया था। इसका मकसद इन निष्क्रिय खातों में कोष ईपीएफओ के पास छोड़े रखने को लेकर लोगों को हतोत्साहित करना था। लेकिन अब सरकार ने सभी को निष्क्रीय खाताधारकों की समस्याओं को ध्यान में रखकर ये फैसला लिया है। सरकारी प्रतिभूतियों में ईपीएफओ का निवेश 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने कहा, ‘वित्त मंत्रालय इस बारे में पहले ही निर्णय कर चुका है।’