बीजिंग। चीन के सरकारी समाचार पत्र पीपुल्स डेली ने लिखा है कि अवैध रुप से उसकी सीमा में दाखिल होने के कारण भारत को ज्यादा कुछ तो हासिल नहीं होगा लेकिन शर्मिंदगी जरूर उठानी पड़ेगी। बता दें कि 16 जून से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद चल रहा है।
सरकारी समाचार पत्र ने चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ बाउंड्री एंड ओशन स्टडीज में प्रोफेसर गुआन पीफेंग के हवाले से कहा कि भारत-चीन में तनाव समय समय पर होता रहा है,इस बार ये कुछ अलग तरह का है। दरअसल भारतीय सेना चीन की सीमा में दाखिल हुई है। चीन की सेना और अर्थव्यवस्था की ताकत ज्यादा है। वह आसानी से हथियार नहीं डालेगा। लिहाजा सीमा पर तनाव बना रहेगा। चीन को और बुरी स्थिति के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
प्रोफ़ेसर गुआन पीफेंग का यह बयान अभी हाल ही में यूएस नेवल वॉर कॉलेज में डिफेंस स्ट्रैटजी के प्रोफेसर जेम्स आर.होम्स के उस बयान के परिप्रेक्ष्य में आया है जिसमे उन्होंने कहा था कि पूरे विवाद में भारत का रुख एकदम ठीक है। भारत की सेनाएं न तो विवादित इलाके से वापस आ रही है और न ही वह चीन की धमकियों का कोई जवाब दे रहा है। भारत एक मैच्योर पावर की तरह बर्ताव कर रहा है और चीन किसी नासमझ की तरह बयानबाजी कर रहा है। इसे अजीब ही कहा जाएगा कि चीन अपने शक्तिशाली पड़ोसी के साथ सीमा विवाद में उलझा है।
चीन अपनी ताकत अगर समुद्र में बढ़ाना भी चाहता है तो उसे अपनी सीमाएं सुरक्षित करनी होंगी,लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं है कि वह अपने पड़ोसियों की सीमा में दखलअंदाजी करें। भारत ने चीन से सटे सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के 1400 किलोमीटर लंबे साइनो-इंडिया बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है।