मुझे नहीं लगता कि PM मोदी चीन से अच्छे से निपटे : राहुल गांधी

0
38

राहुल गांधी ने चीन के साथ सीमा गतिरोध को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले केंद्र पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति को अच्छी तरह से नहीं संभाला है. कांग्रेस नेता मंगलवार को वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में बोल रहे थे.

राहुल गांधी ने कहा, ‘चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली के आकार जितनी जमीन पर कब्जा कर रखा है और मुझे लगता है कि यह एक आपदा है. मीडिया इसके बारे में लिखना पसंद नहीं करता. अगर कोई पड़ोसी देश अमेरिका की 4,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर ले तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या कोई राष्ट्रपति यह कहकर बच निकल पाएगा कि उसने इसे अच्छे से संभाला है? इसलिए, मुझे नहीं लगता कि मोदी ने चीन को बिल्कुल भी अच्छे से संभाला है. मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में क्यों बैठे हैं.

उल्लेखनीय है कि 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान में झड़प हुई थी. उसी वर्ष महामारी शुरू हुई थी. मई 2020 से जब चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर यथास्थिति को आक्रामक रूप से बदलने की कोशिश की, तब से दोनों पक्ष पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 के पास अग्रिम स्थानों पर तैनात हैं, जो गलवान संघर्ष के मद्देनजर एक टकराव बिंदु के रूप में उभरा है.

एलएसी पर यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए उन्नत हथियारों के साथ 2020 से 50,000 से अधिक भारतीय सैनिक एलएसी के साथ अग्रिम चौकियों पर तैनात हैं. उत्पादन के चीनी दृष्टिकोण को ‘गैर-लोकतांत्रिक’ करार देते हुए, रायबरेली के सांसद ने अमेरिका और भारत के लोकतांत्रिक और मुक्त समाज में उत्पादन दृष्टिकोण रखने के विचार पर जोर दिया.

उन्होंने कहा, ‘हम इसे चीनियों की तरह नहीं करना चाहते. हम इसे ऐसे माहौल में नहीं करना चाहते जो गैर-लोकतांत्रिक हो, जो उदार न हो. इसलिए 21वीं सदी के लिए असली सवाल यह है कि चीनियों ने उत्पादन का एक दृष्टिकोण सामने रखा है. यह एक गैर-लोकतांत्रिक उत्पादन दृष्टिकोण है. क्या अमेरिका और भारत एक लोकतांत्रिक मुक्त समाज में उत्पादन के लिए एक दृष्टिकोण रखकर इसका उत्तर दे सकते हैं? और मुझे लगता है कि यहीं पर बहुत सारे उत्तर छिपे हैं.

राहुल ने विपक्ष के नेता के रूप में अपनी नई भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में भी खुलकर बात की और कहा कि इंडिया ब्लॉक और भाजपा-आरएसएस के बीच एक वैचारिक युद्ध चल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष भारत की संस्थाओं की ‘रक्षा’ करना चाहता है और देश के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करना चाहता है.

उन्होंने कहा, ‘यह उसी बात का विस्तार है जो मैंने पहले कहा था. भारत में कांग्रेस और हमारे सहयोगियों तथा भाजपा और आरएसएस के बीच एक वैचारिक युद्ध चल रहा है.’ कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ‘ये भारत के दो बिल्कुल अलग-अलग दृष्टिकोण हैं. हम एक बहुलतावादी दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं, एक ऐसा दृष्टिकोण जिसमें हर किसी को फलने-फूलने का अधिकार है.

एक ऐसा भारत जहां आपको इस आधार पर सताया न जाए कि आप किस धर्म में विश्वास करते हैं या आप किस समुदाय से आते हैं या आप कौन सी भाषा बोलते हैं, न कि एक बहुत कठोर, केंद्रीकृत दृष्टिकोण तो यही परिदृश्य है. और फिर हम उस परिदृश्य पर लड़ते हैं. हम भारत की संस्थाओं की रक्षा करना चाहते हैं, भारत में कमजोर वर्गों की रक्षा करना चाहते हैं, निचली जातियों, जनजातियों, अल्पसंख्यकों, गरीब लोगों की रक्षा करना चाहते हैं. यात्रा के बाद मैं अधिक से अधिक लोगों की आवाज बनने की कोशिश करता हूं.

उन्होंने कहा, ‘इसलिए आपको एक तरह से इसकी गहराई में जाना होगा, लोगों से बात करनी होगी और फिर वे जो कह रहे हैं उसे गहराई से समझना होगा और फिर उसे प्रसारित करना होगा और व्यापक स्तर पर देश के लिए एक दृष्टिकोण, भारत गठबंधन का दृष्टिकोण प्रदान करना होगा. ये भाजपा द्वारा प्रस्तुत केंद्रीकृत, एकाधिकार वाले दृष्टिकोण से अलग होगा. कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि एक समय पश्चिम दुनिया का निर्माता हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे चीन ने जिम्मेदारी संभाल ली.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here