एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में गोपाल कांडा बरी

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एयर होस्टेस गीतिका शर्मा की आत्महत्या मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट का बड़ा फैसला आया है।इस मामले में आरोपी  हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा और अरुणा चढ्डा को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया है। बरी होने के बाद गोपाल कांडा ने कहा, ”मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं था। ये केस मेरे खिलाफ बनाया गया था और आज कोर्ट ने फैसला सुना दिया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विकास ढुल ने मामले में निर्णय सुनाया। कोर्ट का विस्तृत आदेश अभी नहीं आया है। गीतिका कांडा की एविएशन कंपनी एमडीएलआर एयरलाइंस में काम करती थीं और बाद में उन्हें कांडा के गुरुग्राम स्थित कॉरपोरेट ऑफिस का निदेशक बना दिया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पांच अगस्त 2012 में एमडीएलआर एयरलाइंस की पूर्व निदेशक गीतिका ने अपने अशोक विहार स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

राजधानी दिल्ली में 5 अगस्त 2012 को 23 साल की गीतिका शर्मा ने सुसाइड कर लिया था। गीतिका ने फांसी के फंदे पर झूलकर जान दे दी थी। गीतिका एमडीएलआर एयरलाइंस की पूर्व डायरेक्टर थी। बता दें कि यह एयरलाइंस अब बंद हो चुकी है। गीतिका ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें पूर्व मंत्री गोपाल कांडा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे।

एयर होस्टेस गीतिका शर्मा के सुसाइड नोट में लिखा था कि पूर्व मंत्री गोपाल कांडा एक फ्रॉड था और वह हमेशा लड़कियों पर गंदी नजर रखता था। सुसाइड नोट में गीतिका ने लिखा, ‘गोपाल कांडा आदतों से लड़कियां प्रताड़ित होती हैं। गोपाल कांडा हमेशा लड़कियों की ही ताक में रहता था। मैंने अपनी जिंदगी में उससे बेशर्म इंसान नहीं देखा। वो हमेशा झूठ बोलता है।’

गीतिका ने कांडा पर यौन शोषण और उत्पीड़न के आरोप भी लगाए थे। अदालत ने कांडा पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) के तहत आरोप तय किया था।