राज्य में हर साल की तरह इस साल भी गर्मी शुरू होते ही वनों में आग की चुनौती इस बार ज्यादा दिखने लगी है। 15 फरवरी से अब तक प्रदेश में 107.25 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। आगे भी वर्षा की संभावना कम है। ऐसे में फील्ड ड्यूटी से जुड़े वनकर्मियों को इस बार अवकाश नहीं मिलेगा।
सोमवार तक आग की 67 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिनमें गढ़वाल का 40.68 और कुमाऊं का 35.55 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। इसके अलावा वन्यजीव विहार यानी नेशनल पार्क और अभयारण्य में 21 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है।
बढ़ता तापमान वन विभाग के लिए और दिक्कत पैदा कर सकता है। ऐसे में होली के दौरान गश्ती दलों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक दीप चंद्र आर्य ने बताया कि अपरिहार्य स्थिति में ही वनकर्मियों को अवकाश दिया जाएगा।
अल्मोड़ा जिले के हवालबाग, लमगड़ा, धौलादेवी आदि ब्लाकों में आग लगने का दौर जारी है। ग्राम रोलाकोट सिमल्टी के पास जंगल सोमवार रात भर धधकते रहा। आग समीप के ग्राम गंगापानी में पहुंच गई थी। वन विभाग और ग्रामीण बमुश्किल आग पर काबू पा सके।
वहीं रात में रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से सटे भड़गांव के जंगल का कई हेक्टेयर क्षेत्र आग से प्रभावित हुआ है। इधर, नैनीताल शहर के समीपवर्ती देवीधूरा क्षेत्र के जंगल में सोमवार रात अचानक आग भड़क गई। आग आबादी क्षेत्र की ओर बढ़ने लगी तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। वन कर्मियों ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया।