सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (JKCA) के फंड में घोटाला करने के आरोप में जेकेसीए के महासचिव मोहम्मद सलीम खान और पूर्व कोषाध्यक्ष एहसान अहमद मिर्जा के साथ साथ बहुत से पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अब इस मामले में ED की ओर से बड़ी कार्यवाई की गई है। ईडी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Confrence) के सांसद और जम्मू-कश्मीर (Jamu Kashmir) के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला (Farooq Adbullah) से पूछताछ की है। बता दें कि 2002 से लेकर 2011 के बीच खेल को बढ़ावा देने के लिए बीसीसीआई (BCCI) द्वारा जेकेसीए को दिए गए अनुदान में से 43.69 करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआई ने फारूक, सलीम, मिर्जा के अलावा मीर मंजूर गजनफर अली, बशीर अहमद मिसगार और गुलजार अहमद बेग (जेकेसीए के पूर्व अकाउंटेंट) के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
जिसके बाद ईडी का कहना है कि साल 2005-2006 और साल 2011-2012 के बीच जेकेसीए को बीसीसीआई ने 3 अलग अलग बैंक खातों से 94.06 *रुपए* की रक़म दी। अब जस मामले में फ़ारूक़ अब्दुल्ला के बेटे और जम्मू कश्मीर के पूर्व CM उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है, “यह कुछ और नहीं बल्कि ‘गुपकर घोषणा’ के तहत ‘पीपुल्स अलायंस’ के गठन के बाद की जा रही प्रतिशोध की राजनीति है।” खबर के मुताबिक़ ये मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में साल 2012 में हुए 113 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़ा हुआ है।
ईडी ने बताया, “जांच एजेंसी ने JKCA के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था. जिसमें महासचिव मोहम्मद सलीम खान और मिर्ज़ा शामिल थे. सीबीआई ने फारूक अब्दुल्ला, खान, मिर्जा, मीर मंज़ूर गजनफर अली, बशीर अहमद मिसगर और गुलज़ार अहमद बेग (जेकेसीए के पूर्व लेखाकार) के खिलाफ चार्जशीट दायर की, जिसमें 2002-11 के बीच राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए एसोसिएशन ऑफ कंट्रोल फॉर इंडिया (BCCI) द्वारा दिए गए अनुदानों में से 43.69 करोड़ रुपये के ‘जेकेसीए के धन की हेराफेरी’ की गई।” जिसके चलते ईडी ने आरोप लगाया कि JKCA के नाम पर कई अन्य बैंक खाते खोले गए थे, जिनमें ये धनराशि हस्तांतरित की गई थी। मौजूदा बैंक खातों के साथ इस तरह के अन्य बैंक खातों को बाद में जेकेसीए की धनराशि के लिए इस्तेमाल किया गया था।