प्राइवेट प्रैक्टिस की पुष्टि पर रद्द होगा डॉक्टरों का लाइसेंस, वसूली भी होगी

0
30
File Photo
उत्त्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने कड़क फैसलों के लिए जानी जाती है। ऐसा ही एक और फैसला लिया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध के लिए शासन की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी चिकित्सीय व्यवस्था में मरीजों को निजी अस्पताल में इलाज के लिए मजबूर करने वाले चिकित्सकों पर जिलाधिकारी की नजर होगी।
इसके साथ ही ऐसे चिकित्सकों में प्राइवेट प्रैक्टिस की पुष्टि होने के बाद उनसे प्रैक्टिस बंदी भत्ता वसूला जाएगा और निजी अस्पताल के साथ चिकित्सक का लाइसेंस भी जांच के बाद निरस्त किया जाएगा। निजी प्रैक्टिस पर रोकथाम के लिए शासन स्तर पर लगातार की जा रही कार्रवाई का असर शहर में देखने को मिल रहा है। निजी प्रैक्टिस में मशगूल सरकारी और अनुबंध वाले चिकित्सक अब अपनी ओपीडी में पूरा समय दे रहे हैं। इससे मरीजों को भी फायदा मिल रहा है। सरकारी चिकित्सालयों में सर्जरी की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।
प्राइवेट प्रैक्टिस पर निर्बंधन नियमावली 1983 को प्रभावी करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सतर्कता समिति का गठन किया जाएगा। समिति त्रैमासिक बैठक कर चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस संबंधित शिकायत को सुनेगी। जो चिकित्सक सरकारी होने के बाद भी निजी अस्पताल में सर्जरी और इलाज करने जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल और चिकित्सक का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्व में लिए गए प्रैक्टिस बंदी भत्ता भी उससे वसूला जाएगा।
कुछ दिन पहले शासन ने मनमानी करने वाले चिकित्सकों पर कड़ा रुख अपनाते हुए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य न्यूरो सर्जन डॉ. राघवेंद्र गुप्ता को राजकीय मेडिकल कॉलेज झांसी स्थानांतरित किया गया। डॉ. राघवेंद्र लंबे समय से एलएलआर अस्पताल के सामने और फतेहपुर में निजी प्रैक्टिस कर रहे थे। अब उन पर शासन स्तर पर भी जांच शुरू हो गई है। इस संदर्भ में कोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य उप्र से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
इस प्रकरण में अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी। इसको लेकर ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सभी चिकित्सकों से स्टांप पर शपथ पत्र भरवाया जा रहा है। इसमें कुछ ही विभाग के चिकित्सकों की रुचि दिखी। शपथ पत्र देने की तिथि समाप्त हो जाने के बाद भी कई चिकित्सकों ने अभी तक इससे दूरी बनाई हुई है।