राजधानी दिल्ली क्षेत्र में सांसों का आपातकाल लगने को है। लगातार बिगड़ती जा रही वायु गुणवत्ता के बीच रविवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 का आंकड़ा पार करके ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। यह स्थिति 157 दिन यानी करीब पांच माह बाद बनी है। इससे पहले इसी श्रेणी में दिल्ली की हवा 17 मई को रही थी। तब AQI 336 दर्ज किया गया था, जबकि रविवार को 313 रहा।
दिल्ली के लगभग सभी इलाकों का AQI भी ‘बहुत खराब’ में ही दर्ज किया गया। वहीं एनसीआर के शहरों की बात करें तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPBC) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक रविवार को फरीदाबाद का 322, गाजियाबाद का 246, ग्रेटर नोएडा का 354, गुरुग्राम का 255 जबकि नोएडा का 304 दर्ज किया गया।
गाजियाबाद और गुरुग्राम का एक्यूआइ ‘खराब’ जबकि अन्य जगहों का ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक हाल फिलहाल इस स्थिति से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। अगले कुछ दिन वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही बने रहने का पूर्वानुमान है। इसकी प्रमुख वजह तापमान में गिरावट और उत्तर पश्चिमी हवा के साथ दिल्ली पहुंच रहा पराली का धुआं है। हवा की गति भी फिलहाल मंद है।
बता दें कि हवा की गुणवत्ता के आधार पर ग्रेप को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण- ‘खराब’ (AQI 201-300), दूसरा चरण- ‘बहुत खराब’ (AQI 301-400), तीसरा चरण- ‘गंभीर’ (AQI 401-450), और चौथा चरण- ‘गंभीर प्लस’ (AQI-450 से ऊपर)।
दिल्ली का एक्यूआइ ”बहुत खराब” श्रेणी में पहुंचने और ग्रेप का दूसरा चरण लागू करने का लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है। दोपहर 12 बजे बुलाई गई इस बैठक में ग्रेप दो के सभी प्रविधानों को सख्ती से क्रियान्वित करने के साथ साथ एहतियात के तौर पर उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा होगी।