प्यारे – ”मोहन कुछ सुना?”
मोहन – ”नहीं तो क्या हुआ?”
प्यारे – ”पूरी दुनिया में तहलका मच हुआ है.”
मोहन – ”क्यों ? आईएसआईएस वालों ने कहीं परमाणु बम गिर दिया क्या?”
प्यारे – ”उससे भी खतरनाक बम फटा है पनामा पेपर नाम का. दुनिया में जितने महान लोग हैं, सबने अपने-अपने देश से टैक्स चोरी करके अरबों रुपये फ़र्ज़ी कंपनी बनाकर जमा कर रखे थे.”
मोहन – ”यानी महान लोगों के महान कार्य.”
प्यारे – ”अब बेशर्मों की तरह कह रहे हैं कि हमने कोई चोरी नहीं की है.”
मोहन – ”महान लोगों की महान बातें. कुछ भी कहो, ये महान लोग हैं इनके इस महान कार्य को चोरी नहीं कहा जा सकता. चोरी उसे कहते हैं जो पेट भरने के लिए की जाये. और यह गरीब आदमी करता है जो इनके इन्हीं महान कार्यों की वजह से और गरीब होता जा रहा है.”
प्यारे – ”हाँ, यह तो सोचने वाली बात है.”