विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) ने अभी इस बात को लेकर बयान दिया था कि कोरो’ना वाय’रस के हवा से भी फैलता है इस बात के बारे में कुछ वैज्ञानिकों ने बताया था। लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) ने भी अब इस बात को मान लिया है कि कोरो’ना वाय’रस के हवा में होने के सबूत मिले हैं, लेकिन इस बारे में अभी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन फिर भी भी’ड़भा’ड़ वाले और बंद इलाकों में जाने से अभी सब को रुकना चाहिए क्योंकि उन जगहों पर हवा के जरिए वाय’रस के फैलने की आशंका से इन’कार कर पाना मु’श्किल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) के चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने हवा से कोरो’ना के फैलने को लेकर कहा कि, जब कोई खांसता है, बोलता है या गाता है तो मुंह जो छोटे-छोटे कण (ड्रॉपलेट्स) निकलते हैं, उसमें भी वाय’रस हो सकता है। जो वाय’रस बड़े साइज (10 माइक्रॉन से ज्यादा) वो तीन फीट के अंदर ही नीचे गिर जाते हैं, लेकिन छोटे कण हवा में 15 से 30 मिनट तक रह सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को संक्र’मण है तो और आप उसके तीन फीट के दायरे में रह कर बात कर रहे है तो सांस के जरिए ये वाय’रस आपके फेफड़े में जा सकता है। और यही अजोर मोड़ ऑफ ट्रांसमिशन बताया जा रहा है जो लोग आस-पास में रहकर बात करते हैं या कहीं एक साथ जुटे हुए हैं और वहां खिड़की-दरवाजे बंद हैं तो परे’शानी बढ़ सकती है। क्योंकि वाय’रस के छोटे कण हवा में कुछ देर रह सकते हैं।
WHO के चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि, “ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि वाय’रस हवा में फ्री घूम रहे हैं और आप कहीं पैदल जा रहे हैं तो संक्रमि’त हो जाएंगे, लेकिन आपको तीन फीट की दूरी बनाए रखनी ही चाहिए। कई बार ऐसा नहीं हो पाता है, भी’ड़ वाली जगहों पर दूरी बनाना मुमकिन नहीं हो पाता, इसलिए मास्क जरूर लगाएं। जब तक वैक्सीन नहीं है, तब तक इस वाय’रस से ऐसे ही मुका’बला किया जा सकता है।” WHO के चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने 15 अगस्त तक वेक्सीन आने की बात पर कहा कि, “6 महीने में वैक्सीन आना मुश्किल है। एक वैक्सीन को आने में 12 से 18 महीने लग जाते हैं। कोरो’ना की वैक्सीन 2021 के पहले क्वावर्टर तक आ पाएगी। भारत में 15 अगस्त तक वैक्सीन को लेकर आगे के फेज-1 और 2 पर काम हो सकता है।” दुनिया भर में 20 वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और सभी देशों के लोग इस वैक्सीन को बनाने में लगे हुए है। उन्होंने कहा है की, फिलहाल सभी सामाजिक दूरी का ख्याल रखे और मास्क का इस्तेमाल करें और सोशल गैदरिंग से बचें।
पूरी दुनिया भर से 32 देशो में से 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) को एक पत्र लिखा और उसमें कहा गया कि, कोरो’ना एक एयरबॉर्न वाय’रस है, जो हवा में भी फैल सकता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक़, कोविड-19 का वाय’रस मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स और कॉन्टैक्ट रूट्स के माध्यम से लोगों के बीच फैलता है। हालांकि, वैज्ञानिकों द्वारा लिखे पत्र से पता चलता है कि यह एक एयरोसोल ट्रांसमिशन यानी हवा के जरिए फैलने वाला संक्र’मण भी हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO ) के द्वारा कहा गया कि, अभी कोरो’ना वाय’रस के मामलों में उछाल आया है, अगर यही रफ्तार रही तो अगले कुछ दिनों में मौ’तों के आंकड़ों में भी तेजी से उछाल आ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO ) का ये भी मानना है कि संक्रम’ण बढ़ने का कारण टेस्टिंग भी है। जैसे-जैसे टेस्टिंग बढ़ती जाएगी नए मामले सामने आते जाएंगे। पिछले पांच हफ्तों में टेस्टिंग लगभग दोगुनी हो गई है, यही कारण है कि कोरो’ना के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।