दुनिया भर में कोरोनावायरस के फैलने के बाद से ही दुनिया भर के साइंटिस्ट इसकी दवा या वैक्सीन बनाने में जुट गए। हालाकि अब तक किसी भी देश का कोई भी साइंटिस्ट या कोई भी कंपनी इसको बनने में पूरी तरह सफल नहीं हुई है। बहुत से देशों में कोरोना के लिए बनाई गई वैक्सीन का दूसरा या तीसरा ट्रायल चल रहा है। जिसके चलते अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि जल्दी ही दुनिया में इस ख़तरनाक वायरस को रोकने के लिए वैक्सीन का निर्माण होगा जाएगा।
बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Gates Foundation) के प्रमुख मार्क सूजमैन का कहना है कि “कोविड-19 (Covid-19) वैक्सीन (Vaccine) का बहुत बड़ा हिस्सा भारत (India) में निर्मित होने की संभावना है। भारत अपने मौजूदा स्रोतों के साथ हर संभव प्रयास कर रहा है, और अगले साल कुछ वैक्सीन सामने आ सकती हैं। इसकी वजह यहां का मजबूत निजी क्षेत्र है। भारत सरकार के मंत्री भी अगले साल फरवरी तक वैक्सीन आने की संभावना जता चुके हैं।” वहीं अमेरिका वैक्सीन की घोषणा को लेकर कोई भी जल्दबाजी नहीं कर रही है।
अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया कि “इस साल के अंत तक अमेरिका के पास पर्याप्त, सुरक्षित और कारगर कोविड-19 (Covid-19) वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी जिसका फायदा बहुत से अमेरिकियों को मिल चुका होगा।” इससे पहले अगस्त के महीने में ही रूस (Russia) ने वैक्सीन की घोषणा करदी थी। जबकि उस समय उस वैक्सीन के ट्रायल का पहला चरण भी पूरा नहीं हुआ था। लेकिन अब अधिकारियों का कहना है कि “पहले दो चरणों के एक जर्नल लेसेंट ने सफल होने की रिपोर्ट दी है। तीसरे चरण के 10 हजार ट्रायल्स के नतीजे आने वाले हैं। कई देशों ने इस वैक्सीन के ट्रायल पर सहमति जताई है।”