नागपुर : औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुए प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया था, जिसके बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके घर पर बुलडोजर चला दिया। फहीम खान पर आरोप है कि वह हिंसा का मास्टरमाइंड था और फिलहाल पुलिस की हिरासत में है।
17 मार्च को नागपुर में भड़की हिंसा के मामले में अल्पसंख्यक लोकतांत्रिक पार्टी (एमडीपी) के नेता फहीम खान समेत 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले नागपुर नगर निगम ने खान को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटाने के लिए 24 घंटे का समय दिया था, जिसकी अवधि पूरी होने के बाद आज कार्रवाई की गई।
पत्नी के नाम पर था मकान
जानकारी के अनुसार, संजय बाग कॉलोनी, यशोधरा नगर में स्थित यह मकान फहीम खान की पत्नी के नाम पर पंजीकृत था। एमडीपी के शहर प्रमुख फहीम खान इस समय जेल में हैं। 17 मार्च को हिंसा उस समय भड़की, जब यह अफवाह फैली कि छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के विरोध प्रदर्शन के दौरान धार्मिक शिलालेखों वाली एक चादर जलाई गई थी।
हिंसा में पुलिसकर्मी भी हुए घायल
इस हिंसा के दौरान शहर के कई हिस्सों में भारी पथराव और आगजनी हुई, जिसमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारियों समेत कुल 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को स्पष्ट किया था कि हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से कराई जाएगी और यदि वे भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्तियां जब्त कर नीलाम की जाएंगी। उन्होंने कहा था कि “अगर कानून अनुमति देता है, तो बुलडोजर चलेगा।”
नगर निगम ने पहले ही दी थी चेतावनी
20 मार्च को नागपुर नगर निगम के अधिकारियों ने फहीम खान के घर का निरीक्षण किया था और महाराष्ट्र क्षेत्रीय एवं नगर योजना अधिनियम, 1966 के उल्लंघन का हवाला दिया था। अधिकारियों के अनुसार, इस घर की कोई अधिकृत भवन योजना स्वीकृत नहीं थी, जिससे यह अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है।