बिपरजॉय तूफान गुजरात के बाद राजस्थान पहुंच गया है। बाड़मेर में आज शाम भारी बारिश हुई। निचले इलाकों में पानी भर गया। जालोर में भी रेड अलर्ट है और यहां तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। जालोर में शुक्रवार सुबह तक 69MM बारिश दर्ज की गई है। इधर, जैसलमेर में भी आंधी-बारिश जारी है। बाड़मेर और सिरोही में तेज हवाओं की वजह से पेड़ और पोल गिर गए हैं।
तूफान के चलते शुक्रवार और शनिवार को मिलाकर राजस्थान के 5 जिलों में बहुत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट, जबकि 13 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 24 घंटे के दौरान राजस्थान में 200 MM यानी 8 इंच या उससे ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान में तूफान 16, 17 और 18 जून को एक्टिव रहेगा। सांचौर के जालबेरी में निर्माणाधीन दुकानों की छत टीनशेड की बनी है, लेकिन अभी तक शटर नहीं लगा है। तूफान में हवा के कारण छत पर लगे टीनशेड उड़ न जाए। इसलिए शटर की जगह सीमेंट की सीट लगाकर उन्हें तारों और बल्लियों से बांध दिया है।
बाड़मेर कलेक्टर अरूण पुरोहित ने बताया कि अगले 36 घंटे जिले के लिए अहम हैं। पाकिस्तान बॉर्डर से सटे पांच गांव बाखासर, सेड़वा चौहटन, रामसर, धोरीमना गांव के 5 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इधर, जैसलमेर के डाबला गांव से 100 परिवारों के 450 लोगों को शिफ्ट किया गया है। नरेगा के काम और महंगाई राहत शिविर रुकवा दिए गए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान के पश्चिमी और मध्य भाग में तूफान का सबसे ज्यादा खतरा है। जोधपुर यूनिवर्सिटी ने तूफान के असर वाले इलाकों में 16 और 17 जून को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। 17 से 19 जून को हाेने वाले स्टेट ओपन के एग्जाम भी स्थगित कर दिए हैं। रेलवे ने बाड़मेर-जोधपुर के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन को दो दिन नहीं चलाने का फैसला किया है।
जोधपुर कलेक्टर और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्यक्ष हिमांशु गुप्ता ने 16 और 17 को जोधपुर के सभी शैक्षणिक संस्थाओं, कोचिंग, जिम, पर्यटन स्थल और समर कैंप को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि बिपरजॉय के कारण तेज आंधी के साथ अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट है। तूफान के प्रभाव से उदयपुर के महाराणा भूपाल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग की बिल्डिंग में दूसरी मंजिल पर एलिवेशन का कांच टूट कर गिर गया। बिल्डिंग के नीचे ही दीवार के सहारे खड़ी गाड़ियों पर कांच गिरा, जिससे कारों को नुकसान पहुंचा।