कानपुर : अवैध असलहा रखने के आरोप में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिए गए कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय आलोक यादव की अदालत में समर्पण कर दिया। नौबस्ता में 13 अगस्त 1991 को तत्कालीन एसओ बृजमोहन उदेनिया ने राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
आरोप था कि उनके पास से राइफल बरामद हुई है, जिसका लाइसेंस भी जारी नहीं किया गया था। इसी मामले में शनिवार को कोर्ट ने अभियुक्त राकेश सचान को दोषी करार दिया था। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत को सजा सुनानी थी। मंत्री को दोषी करार दिए जाने की सूचना पर वकीलों और समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया था। इस बीच राकेश सचान कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर ही कोर्ट से चले गए थे। आदेश की प्रति ले जाने से कोर्ट में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था।
दिन भर आपाधापी के बाद देर शाम एसीएमएम तृतीय की रीडर ने राकेश सचान के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी थी। सजा से बचने का कोई रास्ता नजर न आने और एक नए मुकदमे की तलवार लटकने की जानकारी होने के बाद आखिर मंत्री ने कोर्ट में समर्पण करने का मन बनाया था। रविवार को कोर्ट में अवकाश के चलते समर्पण नहीं हो सका। सोमवार को सुबह ही राकेश सचान ने कोर्ट में समर्पण कर दिया। हालांकि, इस दौरान शासन के हस्तक्षेप के चलते कोतवाली में राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की गई थी।