बिहार : भागलपुर में गंगा नदी पर 1710 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तागंज पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर गंगा नदी में गिर गया था। पिछले आठ साल से बन रहे इस पुल के गिरने के बाद लोगों के मन में यह सवाल है कि पुल बनने में और कितना समय लगेगा। यही पुल एक बार पहले भी गिर चुका था। इस मामले मामले में बिहार सरकार निशाने पर है, लेकिन सरकार भी अपने बचाव में लगातार बयान दे रही है।
इस मामले में अबी डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने कहा कि अगुवानी-सुल्तागंज महासेतु सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और अपने तय समय सीमा के भीतर ही नए सिरे से पुल का निर्माण कराया जाएगा। तेजस्वी ने कहा कि पुल बनाने वाली कंपनी एसपी सिंगला को राज्य सरकार ने शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जो पुल की राशि होगी वह कॉन्ट्रैक्टर पर आएगी। सरकार पर राशि का बोझ नहीं आने देंगे।
अगुवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने का मामला पटना हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाई कोर्ट एक लोकहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से यह पुल दोबारा टूटा है। उन्होंने इस याचिका के माध्यम से कोर्ट से इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की गुहार की है। याचिका में निर्माण कंपनी को काली सूची में डालकर जिम्मेदार लोगों से पुल टूटने से हुई क्षति वसूली की मांग की गई है।