केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के लिए पांच नए न्यायाधीशों की नियुक्तियों को मंजूरी दे दी है। इससे पहले तीन हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और दो हाईकोर्ट जजों का नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने की थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बीते साल 13 दिसंबर को इन जजों के नाम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजे थे।
अमर उजाला के अनुसार उच्चतम न्यायालय में नियुक्त किए गए पांच नए न्यायाधीश 6 फरवरी को पद की शपथ लेंगे। शीर्ष अदालत के सूत्रों के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के नए परिसर स्थित सभागार में एक समारोह के दौरान सुबह 10.30 बजे पांच न्यायाधीशों को शपथ दिलाएंगे। नियुक्तियां शीर्ष अदालत की एक पीठ की ओर से कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में सरकार की ओर से देरी पर कड़ी टिप्पणियों के बीच आई हैं।
इन पांच जजों के सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर शपथ लेने के बाद सर्वोच्च अदालत में जजों की कुल संख्या बढ़कर 32 हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश समेत कुल 34 जज हो सकते हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट जजों की संख्या 27 थी। बीती 31 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो और नाम सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजे थे, जिनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार का नाम शामिल है। इससे पहले उन्होंने प्रयागराज में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम पर चेतावनी दी है। इस देश का मालिक इस देश के लोग हैं, हम सेवक हैं। हमारी गाइड संविधान है। संविधान के अनुसार देश चलेगा। कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता है। हम अपने आप को सेवक के रूप में देखते हैं।
जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह को शनिवार को पटना हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। जस्टिस सिंह हाईकोर्ट सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश थे। इस संबंध में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की है। नवंबर 2019 में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए जस्टिस संजय करोल को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। जस्टिस करोल के साथ ही पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह को शीर्ष अदालत में नियुक्त किया गया है। 62 वर्षीय जस्टिस सिंह को 2012 में पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह पटना हाईकोर्ट में ही वकालत करते थे।