विरोध की धमकियों के बीच नागालैंड की धरती पर शंकराचार्य ने फहराया गौ प्रतिष्ठा ध्वज, मुख्यमंत्री को दिया संदेश

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गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा के क्रम में  ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद  उत्तरपूर्व की संस्कृति से समृद्ध प्रदेश नागालैंड की आर्थिक राजधानी दीमापुर के एयरपोर्ट पर अपने विशेष विमान से उतरे और गोप्रतिष्ठा ध्वज स्थापित करने निकले।

इसी दौरान चुमुकेदिमा जिले के ADC  पोलाॅन जाॅन के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने रोका और कहा कि आपको नागालैंड की सरकार ने गोध्वज स्थापना भारत यात्रा सभा करने के लिए निषेधात्मक आदेश पारित कर रखा है। आपके आने से प्रदेश की संवेदनशील स्थिति बिगड़ने की सम्भावना है। हम आपको यहां से कहीं और जाने नहीं देंगे।

शंकराचार्य ने कहा कि हमने ना तो नागालैंड की संस्कृति का विरोध किया, ना नागालैंड सरकार का विरोध किया, ना यहां के नागरिकों का विरोध किया, ना ही किसी तरह के अलगाव की बात की, तो आखिर किस आधार पर हमें यहां नहीं आने दिया जा रहा है?

ये हमारे संवैधानिक अधिकार का हनन है। भारत देश में जन्मा प्रत्येक व्यक्ति सभी स्थानों पर निर्बाध प्रवेश कर सकता है। हमें अपने लोगों से मिलने से रोकना हमारे मौलिक अधिकार का हनन है।

हम नागालैंड की सरकार से ये जानना चाहते हैं कि हमें किस कारण से रोका जा रहा है? शंकराचार्य जी महाराज ने अपने संकल्प को दृढ करते हुए नागालैंड की धरती पर गोध्वज को फहराया।

ADC के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नागालैंड  के नाम 10 मिनट का वीडियो सन्देश दिया। गौमाता राष्ट्रमाता घोषित हो इस संकल्प को दोहराया। नागालैंड के सैकडों भगवद्भक्तों ने व्यक्तिगत सन्देश और फोन पर शंकराचार्य जी के आन्दोलन का समर्थन किया, लेकिन अपने प्राण भय के कारण वे सब सामने नही आ सके। पूज्यपाद शंकराचार्य  महाराज ने उनके सद्भाव को स्वीकारा और सबको धर्मपालन का आदेश दिया।

 

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