शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे कई बार कह चुके हैं कि वह शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे को दिया अपना वचन एक दिन ज़रूर पूरा करेंगे। और शिवसेना का मुख्यमंत्री सूबे में एक न एक दिन ज़रूर कुर्सी पर फिर एक बार बैठेगा। बता दें कि आदित्य ठाकरे को शिवसेना मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर राजनीति के क्षेत्र में स्थापित करने की पूरी कोशिश कर रही है। और इसके लिये आदित्य ठाकरे के विधायक बनने की राह में कोई रुकावट ना आए, इसके लिए शिवसेना ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है। और इसीलिए आदित्य ठाकरे वर्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
बता दें कि वर्ली विधानसभा सीट पर मराठी वोटरों का दबदबा क़ायम रहा है। इस सीट पर कई बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों के दफ्तर भी हैं। आदित्य ठाकरे मराठी लोगों और अंग्रेज़ी बोलने वाले एलीट क्लास दोनों के ही साथ अच्छा तालमेल बैठाने की काबिलियत रखते हैं, इस वजह से भी आदित्य ठाकरे को वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में खड़ा किया गया है। महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो शिवसेना ने कई बार बीजेपी के गठबंधन में होते हुए भी किसी की भी नाराज़गी की परवाह किए बग़ैर कई बार एनसीपी और कांग्रेस की मदद की है।
अब जबकि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के पोते चुनाव की राजनीति में क़दम रख रहे हैं, तो शिवसेना विपक्ष को बिना कुछ कहे सब कुछ याद दिला रही है। जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया कि यह चुनाव निर्विरोध होगा क्या तो उद्धव ठाकरे ने जवाब दिया कि, मैं किसी को ऐसा नहीं बोलूंगा कि हमने आपके लिए किया है तो आप भी करो।
बता दें कि राज ठाकरे की एमएनएस ने पहले ही आदित्य ठाकरे के ख़िलाफ़ उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा कर दी है। आदित्य ठाकरे रोड शो के ज़रिए अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए मां, छोटे भाई और पिता उद्धव ठाकरे के साथ नामांकन दाख़िल करने पहुंचे। तो उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘समाज सेवा ठाकरे परिवार की परंपरा है। सभी शिवसैनिकों ने आदित्य को आशीर्वाद दिया है। उम्मीद है कि जनता आदित्य को अपना आशीर्वाद देगी।’ इससे पहले आदित्य अपने दादा बाल ठाकरे की तस्वीर के सामने नमन करके उनका आशीर्वाद लेना नहीं भूले।