नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन क़ा’नून को लेकर पूरे देश में बहस छि’ड़ी हुई है. देश के कई हिस्सों में लोग प्रद’र्शन कर रहे हैं और शाहीन बाग़, दिल्ली तो जैसे इसका एक केंद्र बन गया है. सरकार NRC पर तो पीछे ह’ट चुकी है लेकिन एनपीआर के बहाने एक रास्ता बनाये रखना चाहती है कि जब वो चाहे तब NRC कर ले. प्रदर्शन’कारी भी इस बात को समझ रहे हैं इसलिए जिन नए म’दों को इस बार एड किया गया है उनको ह’टाए जाने की माँग हो रही है.
वहीँ गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष के नेताओं को चु’नौती देते दिखते हैं कि उनसे CAA पर बहस कर लें लेकिन जब चुनौती स्वीका’र कर ली जाती है तो उनका कोई ब’यान नहीं आता है. अब इसको लेकर आल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह को ही चुनौ’ती दे डाली है. ओवैसी ने गुरुवार को एक रैली में कहा,”सीएए पर किसी विपक्ष के नेता से बहस से बेहतर है कि इस दाढ़ी वाले से बहस के लिए तैयार हों.”
ओवैसी ने यह बात करीमनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए की. आपको बता दें कि जब हाल ही में अमित शाह लखनऊ गए तो अपने चिर-परिचित अंदाज़ में कहा कि मैं विपक्षी दलों के नेताओं को इस कानून पर सार्वजनिक बहस की चुनौती भी देता हूं. शाह ने विपक्ष पर सीएए के ख़िला’फ़ लोगों को गुमरा’ह करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और मायावती को सार्वजनिक तौर पर इस पर बहस करने की चुनौती दी थी.
अमित शाह की चुनौ’ती पर प्रतिक्रिया देते हुए औवेसी ने कहा कि मैं यहां हूं, मेरे साथ बहस करें.इन लोगों के साथ क्यों बह’स करनी है. जो ब’हस करना है वो दा’ढ़ी वाले से करो ना. हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर बह’स और बात करेंगे. इस दौरान एआईएमआईएम प्रमुख ने केन्द्रीय बजट की ‘हलवा’ रस्म का ज़ि’क्र करते हुए भाजपा पर स्थानों का नाम बदलने को लेकर निशा’ना साधा. उन्होंने भाजपा नेताओं पर क’टाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा ने कहा है कि वह नाम ब’दलेंगे. मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि ‘हल’वा’ शब्द कहां से आया है? यह अरबी शब्द है. यह हिंदी या उर्दू शब्द नहीं है. अब अरबी शब्द भी ह’टा दें.