31 जनवरी को रिलीज़ होने वाली फ़िल्म गुलमकई की चर्चा इन दिनों मी’डिया में है। ये फ़िल्म पाकिस्तानी एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई की ज़िंदगी पर बन रही है। फ़िल्म में रीम शेख़ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस फ़िल्म में ओम पुरी भी नज़र आएंगे जबकि अतुल कुलकर्णी भी अहम किरदार निभाते हुए नज़र आएंगे। ये फ़िल्म ओम पुरी की आख़िरी फ़िल्म होगी।
फ़िल्म की चर्चा तब और अधिक हो गई जब फ़िल्म के निर्देशक अमजद ख़ान ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ ट्वीट किए। इसके बाद वो दिल्ली भी गए और CAA के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों का समर्थन किया। अब फ़िल्म का एक क्लिप वायरल हुआ है जिसको देखने से ऐसा लग रहा है कि नमाज़ियों पर पाकिस्तानी सेना गोलीबारी कर रही है। हालाँकि इस सीन के बारे में फ़िल्म से जुड़े लोगों का कहना है कि सीन को मीडिया में ग़लत तरह से दिखाया जा रहा है।
फ़िल्म के पोस्टर को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है । फ़िल्म के एक पोस्टर में अभिनेत्री रीमा शेख़ के हाथ में ब्लास्ट होता दिख रहा है और उनके हाथ में एक किताब है। इस पोस्टर के बाद नोएडा स्थित दारुल फ़तह जामा मस्जिद के मुफ़्ती मुहम्मद राशिद क़ासमी ने निर्देशक अमजद ख़ान के ख़िलाफ़ फ़तवा जारी कर दिया है। अब इस पर अमजद का बयान आया है।
अब इसको लेकर अमजद ख़ान ने बयान दिया। उन्होंने बयान देते हुए कहा कि आजकल मौलाना और पंडित सत्ता के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये भाजपा की साज़िश है। उन्होंने कहा कि भाजपा साज़िशन ये कर रही है और चाहती है कि लोगों के बीच मुहब्बत का माहौल न पैदा हो। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि CAA के ख़िलाफ़ उठ रही हर मज़बूत आवाज़ बन्द हो जाये।