मालदीव – मालदीव के उच्च न्यायालय ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने यह आदेश सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपों के पक्ष में पर्याप्त सबूत न होने पर दिया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यामीन को फरवरी में उस समय हिरासत में ले लिया गया था, जब एक आपराधिक अदालत ने उन्हें तबतक हिरासत में रखने का प्रशासन को आदेश दिया था, जबतक उनके खिलाफ धनशोधन के एक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती।
अभियोजन ने यामीन को हिरासत में लेने के लिए अदालत से अनुमति चाही, ताकि वह अपने खिलाफ गवाहों और सबूतों को प्रभावित न कर सकें। मालदीव की अदालत ने हालांकि गुरुवार को कहा कि यमीन को एक महीने से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता और अभियोजन ने उनकी हिरासत बढ़ाने का कोई कारण मुहैया नहीं कराया है। रपट के अनुसार, यामीन को स्वास्थ्य कारणों से जेल में न रखकर, घर में ही नजरबंद रखा गया था।
यामीन धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे हैं और आपराधिक अदालत ने उनके स्थानीय बैंक खाते को जब्त कर लिया है, जिसमें लगभग 65 लाख डॉलर की राशि है। उन्होंने किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है और आरोपों के खिलाफ अपील की है।