मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर के वैज्ञानिक सर्वे से जुड़ी एक याचिका को सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण ट्रस्ट की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि पहले इसकी स्वीकार्यता पर फैसला होगा। तभी सर्वे की मांग पर विचार होगा।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया है। हाईकोर्ट को यह निर्धारित करने का अधिकार मिला हुआ है कि वे विचारणीयता से संबंधित मुकदमे की सुनवाई पहले करेंगे या किसी अन्य मामले की।
अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 136 के तहत हमें यह हमारे अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करने का मामला नहीं लगता है।श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की तरह ही क्षेत्र विस्तृत वैज्ञानिक सर्वे की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ट्रस्ट ने कहा कि सर्वे में साइट के महत्व की व्यापक समझ प्रदान करने के लिए आधुनिक पुरातात्विक तरीकों, भू-स्थानिक विश्लेषण और एतिहासिक रिकार्ड का इस्तेमाल किया जाएगा।
ट्रस्ट ने अपने अध्यक्ष सिद्धपीठ माता शाकुंभरी पीठाधीश्वर भगुवंशी आशतुोष पांडे का प्रतिनिधित्व करते हुए हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई के अपने फैसले में ट्रायल कोर्ट के 31 मार्च के आदेश की पुष्टि की।