नई दिल्ली: भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के तेवर अब ढीले पड़ने लगे हैं. उनकी उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है. एक तरफ खाप पंचायतों की बैठक और दूसरी तरफ बृजभूषण शरण सिंह की अयोध्या में होने वाली रैली का रद्द होना.
भाजपा को किसान आंदोलन जैसा एक और आंदोलन खड़ा होता दिखने लगा है. यही वजह है कि बड़बोले बृजभूषण शरण सिंह को भाजपा ने अब कंट्रोल करना शुरू कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बृजभूषण शरण सिंह को रैली रद्द करनी पड़ी. तेवर नरम पड़ गए. पिछले दो हफ़्ते से वे अयोध्या की जन चेतना रैली की तैयारी कर रहे थे. दावा था कि कम से कम 11 लाख लोग इस रैली में आएंगे. अयोध्या के कई साधु संतों को भी न्योता भेजा गया था.अयोध्या के रामकथा पार्क में तैयारी भी शुरू हो गई थी.
लेकिन दिल्ली वाले फ़ोन के बाद तो मामला ही बदल गया. अब बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में केस होने और पुलिस की जांच के कारण वे रैली रद्द कर रहे हैं, लेकिन अदालत में ये मामला तो महीनों से है और पुलिस भी पहले से जांच कर रही है. ऐसे में उन्हें पहले इस बात का ख़्याल क्यों नहीं आया? आख़िर अयोध्या की रैली कर वे अपना शक्ति प्रदर्शन क्यों करना चाहते थे ?
बृजभूषण कहते हैं कि उन्हें अयोध्या प्रशासन की तरफ़ से रैली करने की इजाज़त नहीं दी गई. ये रैली 5 जून को होनी थी. ये तो बृजभूषण के आधिकारिक बयान हैं. रैली रद्द करने की असली वजह तो कुछ और है. 30 मई को हरिद्वार की घटना के बाद से बीजेपी के अंदर विरोध की खिचड़ी पकने लगी थी. कैसरगंज से बीजेपी के सासंद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ माहौल बनने लगा था. हरिद्वार में गंगा में मेडल प्रवाहित करने गईं महिला पहलवानों के रोते बिलखते हुए वीडियो गांव-गांव तक पहुंच चुका था.
बीजेपी के जाट सांसदों की बेचौनी बढ़ने लगी थी. मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर संपर्क अभियान चल रहा है. अब बीजेपी के जाट बिरादरी के नेता भला किस मुंह से सरकार के काम काज का बखान करें. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ पिछले कुछ दिनों में पार्टी के कई जाट नेताओं ने अपने हाई कमान से बृजभूषण शरण सिंह की शिकायत की थी. ये कहा गया कि उनके बयानों से जाट लोगों में ज़बरदस्त ग़ुस्सा है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में पार्टी को नुक़सान हो सकता है. पश्चिमी यूपी से लेकर हरियाणा और राजस्थान तक विरोध झेलना पड़ सकता है.
मोदी सरकार में मंत्री संजीव बालियान ने पहलवानों को उसी दिन फ़ोन किया था जब वे हरिद्वार जा रहे थे. उन्होंने बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक से बात की थी. बालियान ने पहलवानों से गंगा में मेडल प्रवाहित न करने की अपील की थी। इसी दौरान फ़तेहपुर सीकरी के बीजेपी सासंद राजकुमार चाहर के साथ एक घटना हो गई, 3 जून को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यक्रम है. इसी सिलसिले में जब वे एक जाट बाहुल्य इलाक़े में गए तो लोगों ने उनका विरोध कर दिया. स्थानीय लोगों के मन की बात उन्होंने पार्टी में ऊपर तक पहुंचाई. यही काम संजीव बालियान ने किया. बालियान के संसदीय क्षेत्र मुज़फ़्फ़रनगर और चाहर के फ़तेहपुर सीकरी में जाट वोटरों का दबदबा है.
हरियाणा में बीजेपी के जाट नेता भी उतने ही परेशान हैं. हिसार से पार्टी के सांसद बृजेन्द्र सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि पहलवानों की बेबसी और लाचारी से वे बहुत दुखी हैं. ओलिंपिक से लेकर नेशनल गेम में मेडल जीत कर उन्हें गंगा में बहाना तो दुख की बात है. बताया गया कि भिवानी से बीजेपी सासंद धर्मवीर सिंह भी बदलते घटनाक्रम से परेशान हैं. जाट समाज में बढ़ती नाराज़गी की बात उन्होंने भी केंद्रीय नेतृत्व को बता दी है. बीजेपी ने अगले लोकसभा चुनाव को देखते हुए बृजभूषण शरण सिंह को कंट्रोल करने का फ़ैसला किया है.