इतनी रफ्तार से बढ़ी इन सांसदों संपत्ति, रिपोर्ट में खुलासा

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लोकसभा चुनाव में अभी पूरा एक साल है। 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इस बीच रराजनीतिक दलों की गतिविधियों पर नजर रखने वाले संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने अपनी एक रिपोर्ट में 2009 से 2019 के लोकसभा चुनावों के बीच लगातार तीन बार चुने गए 71 सांसदों की संपत्ति को लेकर खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार सांसदों औसत संपत्ति 286 फीसदी बढ़ी है। इनमें प्रति सांसद की संपत्ति में एवरेज 17.59 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है।

अमर उजाला ने इसको लेकर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के अनुसार 2009 में निर्दलीय सहित विभिन्न दलों द्वारा मैदान में उतारे गए इन 71 दोबारा निर्वाचित सांसदों की औसत संपत्ति 6.15 करोड़ रुपये थी। लेकिन 2014 में दोबारा चुने गए इन सांसदों की औसत संपत्ति बढ़कर 16.23 करोड़ रुपए हो गई। पिछले चुनाव यानी 2019 की बात करें तो 71 सांसदों की औसत संपत्ति 23.75 करोड़ रुपये हो गई।

जिन सांसदों की संपत्ति सबसे ज्यादा बढ़ी है उनमें भाजपा के छह सांसद हैं। एनसीपी, शिरोमणि अकाली दल, बीजद और ।प्न्क्थ् से एक-एक सांसद टॉप दस में शामिल हैं। सबसे आगे बठिंडा सीट से शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल हैं। दस साल में पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की संपत्ति में सबसे ज्यादा 157.68 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। 2009 में बादल की संपत्ति 60.31 करोड़ रुपये थी जो 2019 में 217.99 करोड़ रुपये हो गई।
इस सूची में दूसरा नाम शरद पवार की बेटी और बारामती सीट से एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का आता है।

सुले की संपत्ति 2009 में 51.53 करोड़ रुपये थी जो 2019 में बढ़कर 140.88 करोड़ रुपये हो गई। दस साल में उनकी संपत्ति में 89.35 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। संपत्ति इजाफे के मामले में तीसरा नाम पुरी सीट से बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा का आता है। दस साल में मिश्रा की संपत्ति 87.78 करोड़ रुपये बढ़ी। 2009 में उनकी संपत्ति 29.69 करोड़ रुपये थी जो 2019 में 117.47 करोड़ रुपये तक पहुँच गयी है।

भाजपा के सांसदों में सबसे ज्यादा संपत्ति वृद्धि पीसी मोहन की हुई है। 2009 में कर्नाटक बैंगलोर से सांसद मोहन की संपत्ति पांच करोड़ थी जो 2019 में बढ़कर 75 करोड़ हो गई। टॉप दस में पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी का भी नाम है। 2009 में वरुण की संपत्ति 4.92 करोड़ थी जो 2019 में बढ़कर 60.32 करोड़ हो गई है। उनकी संपत्ति में 1124 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी कड़ी में अन्य प्रमुख नाम सुल्तानपुर से भाजपा सांसद मेनका गांधी का है।

2009 में मेनका की संपत्ति 17 करोड़ थी जो 2019 में बढ़कर 55 करोड़ हो गई। लगातार तीन बार निर्वाचित सांसदों की औसत संपत्ति में वृद्धि के मामले में सबसे ज्यादा 43 भाजपा के सांसद हैं। 10साल में भाजपा के इन सांसदों की संपत्ति औसतन 15 करोड़ बढ़ी है। 2009 में इनकी औसत संपत्ति चार करोड़ थी जो 2019 में बढ़कर 20 करोड़ हो गई।

इस मामले में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है, इसके दस सांसदों की संपत्ति में औसतन दस करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। 2009 में इनकी औसत संपत्ति पांच करोड़ थी जो 2019 में वृद्धि के साथ 16 करोड़ हो गई। इस कड़ी में तीसरा नाम पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का है। 71 में से इसके सात लोकसभा सदस्यों की संपत्ति में औसतन पांच करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। 2009 से जीत रहे तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की औसत संपत्ति 76 लाख थी जो 2019 में बढ़कर 5.9 करोड़ हो गई। इसी तरह दो-दो सांसदों के साथ बीजद और शिवसेना क्रमशः चौथे और पांचवें नंबर पर हैं। इसके अलावा एक-एक सांसद के साथ टॉप दस में AIMIM, AIUDF, IUML, जद (यू) और एनसीपी भी हैं।