एके एंटनी के बेटे ने छोड़ी कांग्रेस, BBC डॉक्यूमेंट्री की थी निंदा

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गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी (BBC) की डॉक्यूमेंट्री को लेकर बीजेपी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी का समर्थन मिला है. इसी कड़ी में उन्होंने बुधवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया. इससे पहले, अनिल एंटनी ने कहा था कि भारतीय संस्थानों की राय के मुकाबले ब्रिटिश प्रसारक के विचार को महत्व देने से देश की संप्रभुता प्रभावित होगी.

अनिल ने पार्टी नेतृत्व को अपने त्याग पत्र की एक प्रति साझा करते हुए ट्वीट किया, “मैंने @incindia @INCKerala में अपनी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है.” उन्होंने कहा कि मुझपर ट्वीट को वापस लेने का दबाव बनाया गया. बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों के साथ पीएम मोदी का जिक्र है.
त्यागपत्र में उन्होंने लिखा कि कल की घटनाओं पर विचार करते हुए मेरा मानना ​​है कि मेरे लिए कांग्रेस में अपनी सभी भूमिकाओं को छोड़ना उचित होगा… मैं हर किसी को विशेष रूप से केरल राज्य नेतृत्व को और डॉ. शशि थरूर को धन्यवाद देना चाहता हूं.

अनिल ने आगे लिखा, “मुझे यकीन है कि मेरे पास अपनी अनूठी ताकत है जो मुझे कई तरीकों से पार्टी में बहुत प्रभावी ढंग से योगदान करने में सक्षम बनाती. हालांकि, अब तक मुझे अच्छी तरह से पता चल गया है कि आप, आपके सहकर्मी और नेतृत्व के आस-पास के मंडली केवल चाटुकारों और चमचों के झुंड के साथ काम करने के इच्छुक हैं, जो निर्विवाद रूप से आपके इशारे पर काम करेंगे. यह योग्यता का अकेला मानदंड बन गया है. अफसोस की बात है कि हमारे पास ज्यादा सामान्य जमीन नहीं है.

उन्होंने ट्विटर पर कहा कि बीजेपी के साथ तमाम मतभेदों के बावजूद बीबीसी और ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ के विचारों को भारतीय संस्थानों के विचारों से अधिक महत्व देना खतरनाक चलन है और इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी. अनिल एंटोनी ने ट्वीट में यह भी कहा है कि बीबीसी सरकार प्रायोजित चैनल है और भारत के प्रति कथित पूर्वाग्रह का उसका इतिहास रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जैक स्ट्रॉ ने ही ‘इराक युद्ध की योजना’ बनाई थी. वर्ष 2003 में अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने इराक पर हमला कर दिया था.

गौरतलब है कि अनिल एंटनी हाल तक कांग्रेस की केरल इकाई के डिजिटल संचार का जिम्मा संभालते थे. उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई जब प्रदेश कांग्रेस की विभिन्न शाखओं ने घोषणा की है कि वे 2002 में गुजरात में हुए दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करेंगी. दंगों के वक्त मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.