महाराष्ट्र के सोलापुर समेत और भी कई हिस्सों में में सड़कों पर उतरे लाखों प्रदर्शनकारियों के नेता को फड़नवीस सरकार ढूंढ नहीं पा रही इसकी वजह से सरकार किसी से बात नहीं कर पा रही.
मराठा प्रदर्शनकारी सोलापुर के लगभग साढ़े छह एकड़ के होम ग्राउंड पर जमा हुए थे और इनकी गाड़ियों लगभग इतने ही बड़े पार्किंग में खड़ी की गई थीं.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस प्रदर्शन में लगभग 10 लाख लोगों ने भाग लिया, हालांकि आयोजक संख्या को इससे कहीं अधिक मानते हैं. प्रदर्शनकारियों का जुलूस लगभग 12 किलोमीटर लंबा था. इस प्रदर्शन का नेतृत्व पांच लड़कियां कर रही थीं जिन्होंने अपनीं मांगे जिलाधीश को सौंपीं.
मराठों की मुख्य मांग कोपरडीह गांव में मराठा लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के अभियुक्त के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज करने और त्वरित जांच की है. दूसरी मांग मराठा लोगों को अति पिछड़ा ओबीसी वर्ग में शामिल कर नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने की है. प्रदर्शनकारियों की अन्य मांगों में किसानों के लिए पेंशन और किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए नए प्रावधान बनाने को लेकर है.
मराठा समाज के लोग सभी राजनीतिक मतभेद भुलाकर इस आंदोलन में भाग ले रहे हैं. शुक्रवार को अहमदनगर के आंदोलन में कांग्रेस नेता व विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील भी शामिल हुए. इससे पहले नांदेड के आंदोलन में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, अकोला में गृह राज्य मंत्री डॉ. रणजीत पाटील के अलावा सरकार में शामिल कई मंत्री भी आंदोलन में भाग ले चुके हैं.
मराठा क्रांति आंदोलन का अगला पड़ाव आज नाशिक में होगा। उसके बाद पुणे और वाशिम में 25 सितंबर, बुलडाणा व नंदुरबार में 26 सितंबर, सांगली में 27 सितंबर, धुले में 28 सितंबर, बारामती में 29 सितंबर और सातारा में 3 अक्टूबर को आंदोलन की तारीख तय की गई है.