शुक्रवार 31 दिसंबर को भारत के 12,000 से ज्यादा गैर सरकारी संगठनों (NGO) का FCRA लाइसेंस समाप्त हो गया है। जिसके बाद अब वह विदेशों से दान एंव चंदा नहीं ले सकेंगे। जानकारी के मुताबिक मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी का FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) लाइसेंस रिन्यू न होने के बाद ऐसा हुआ है। बता दें कि इस लिस्ट में ऑक्सफैम इंडिया ट्रस्ट, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और लेप्रोसी मिशन सहित कुल मिलाकर 12,000 से अधिक एनजीओ के नाम शामिल हैं।
रविवार सुबह जारी एक बयान में ऑक्सफैम इंडिया ने इस बात की पुष्टि की है। ऑक्सफैम द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि “केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 1 जनवरी, 2022 को जारी सूची के अनुसार, ऑक्सफैम इंडिया के FCRA पंजीकरण नवीनीकरण अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है… जिसका अर्थ है कि ऑक्सफैम इंडिया भारत में अपने किसी भी काम के लिए तुरंत प्रभाव से विदेशी धन प्राप्त नहीं कर पाएगा। गृह मंत्रालय के इस फैसले से संकट के समय में उन लोगों को राहत देने के संगठन के प्रयासों में बाधा आएगी, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।”
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि “कोविड महामारी के इस काल में 16 राज्यों में चल रहे महत्वपूर्ण मानवीय और सामाजिक कार्यों में… जीवन रक्षक मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक इक्वीपमेंट्स जैसे ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना, जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर प्रदान करना और समाज के सबसे कमजोर समुदायों को भोजन उपलब्ध कराने जैसा काम शामिल है।”
उन्होंने कहा कि “वर्षों से हमारा काम हमेशा सार्वजनिक हित में रहा है और गरीबी के अन्याय को दूर करने के लिए स्थायी समाधान बनाने के सिद्धांत द्वारा निर्देशित किया जाता रहा है। इस उद्देश्य की पूर्ति में किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना और भेदभाव को समाप्त कर एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण समाज बनाने का उद्देश्य रहा है।” बता दें कि जिनके FCRA की वैधता सीमा प्रमाणपत्र समाप्त हो गई है, ऑक्सफैम का नाम उस सूची में शामिल है, उस लिस्ट में नहीं जिनके प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए हैं।