देशभर के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। बीते करीब एक साल से चल रहे इस प्रदर्शन का अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है। किसानों का कहना है कि सरकार एमएसपी खत्म कर देगी। इस विरोध प्रदर्शन के बीच मंगलवार को दिल्ली पुलिस अधिकारियों के साथ किसानों की एक बैठक हुई। इस बैठक में किसानों ने कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की मांग रखी। जिसको उपराज्यपाल अनिल बैजल ने स्वीकार कर लिया और किसानों को 22 जुलाई से 9 अगस्त तक हर दिन अधिकतम 200 किसानों द्वारा सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन की मंजूरी दे दी।
बता दें कि मजूरी मिलने के बाद किसानों ने आज से अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान किसान नेता योगेंद्र यादव ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर पहुंचने में देरी करा दी और किसानों को 2.5 घंटे तक घुमाती रही। सूत्रों से पता चला है कि जंतर मंतर पर प्रदर्श करने वाले हर किसान के पास पहचान पत्र मौजूद है। ये पहचान पत्र संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसानों को दिया गया है। किसानों के इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जंतर मंतर पर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है।
प्रदर्श को लेकर बात करते हुए किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि “संसद का मानसून सत्र यदि 13 अगस्त को समाप्त होगा तो जंतर-मंतर पर उनका विरोध-प्रदर्शन भी 13 अगस्त तक जारी रहेगा।” हालांकि उपराज्यपाल ने केवल 9 अगस्त तक ही किसानों को जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी है। उपराज्यपाल द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया कि “उन्हें निर्दिष्ट बसों द्वारा पुलिस एस्कॉर्ट के तहत निर्धारित मार्ग से लाया जाएगा तथा उन्हें कोविड-उपयुक्त व्यवहार (मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइटर आदि का उपयोग करना) और भारत सरकार और एनसीटी दिल्ली सरकार द्वारा समय-समय पर कोविड-19 महामारी के संबंध में जारी अन्य सभी दिशानिर्देशों / निर्देशों / एसओपी का सख्त अनुपालन करना होगा।”