उत्तर प्रदेश के संभल के चंदौसी इलाके में आलू कोल्ड स्टोरेज की छत गिरने से 8 लोगों की मौत हो गई है, 10 लोग घायल हो गए हैं और कुछ अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। अब तक SDRF और NDRF की टीमों ने 11 लोगों को बचाया है। कोल्ड स्टोरेज के मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सरकार संभल के चंदौसी इलाके में आलू कोल्ड स्टोरेज की छत गिरने की घटना में मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये देगी। सभी घायलों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा।
पुलिस उप महानिरीक्षक शलभ माथुर ने कहा कि शाम तक 11 लोगों को बचा लिया गया था। बचावकर्मी अभी भी दूसरों को सुरक्षित निकालने के लिए काम कर रहे हैं। जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि NDRF, SDRF और जिला प्रशासन के कर्मी राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने पहले कहा था कि मलबे में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। डीआईजी ने कहा कि मरने वालों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। डीआईजी ने कहा कि घटना के बाद कोल्ड स्टोरेज के मालिक अंकुर अग्रवाल और रोहित अग्रवाल के खिलाफ लापरवाही से मौत (304 A-IPC) का मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज का जो हिस्सा गुरुवार को ढह गया, वह प्रशासन की आवश्यक अनुमति के बिना केवल तीन महीने पहले बनाया गया था और वहां रखे गए आलू की मात्रा कोल्ड स्टोरेज की निर्धारित क्षमता से अधिक थी। एसडीएम चंदौसी रामकेश धामा ने बताया कि माई गांव के इस्लाम नगर रोड स्थित एआर कोल्ड स्टोरेज की छत ढह गई।
वहीं इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से तत्काल राहत और बचाव कार्य करने को कहा है। सीएम कार्यालय ने ट्वीट किया कि संभल के चंदौसी जिले में कोल्ड स्टोरेज में हुए हादसे को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन के अधिकारियों, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर पहुंचकर तत्काल राहत और बचाव कार्य करने का निर्देश दिया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी तरन्नुम रजा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि घायलों की मदद के लिए 15-20 एंबुलेंस और आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर मौके पर मौजूद हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने बताया कि मलबा हटाने के लिए करीब छह उत्खननकर्ताओं को काम पर लगाया गया है।
DIG ने कहा कि अभी भी अंदर फंसे कुछ लोग चिल्लाकर बचाव दल को सतर्क कर रहे हैं। कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस सिलेंडर होने के कारण बचाव कार्य करते समय अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। देर रात तक चलने वाले अभियान के लिए अतिरिक्त रोशनी की व्यवस्था की गई है।