मिनटों में 6 लाख करोड़ स्वाहा, सेंसेक्स 1,000 अंक गिरा

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घरेलू शेयर बाजार में आज भारी गिरावट दिख रही है। ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने से दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आई है और उसका असर भारतीय बाजार पर भी दिख रही है। बीएसई सेंसेक्स 900 अंक की गिरावट के साथ खुला जबकि निफ्टी भी 25,550 के नीचे चला गया। सभी सेक्टर्स में गिरावट दिख रही है। इससे बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5.63 लाख करोड़ रुपये घटकर 469.23 लाख करोड़ रह गया।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 28 गिरावट के साथ खुले। इस बीच अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर का शेयर एक बार फिर अपर सर्किट में पहुंच गया। यह शेयर पिछले सत्र में 51.10 रुपये पर बंद हुआ था और आज 5 फीसदी तेजी के साथ 53.65 रुपये पर पहुंच गया। यह इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर है। गांधी जयंती के कारण 2 अक्टूबर को घरेलू शेयर मार्केट बंद रहा, लेकिन दुनियाभर के अधिकांश बाजारों में गिरावट रही। साउथ कोरिया में 1.2 फीसदी और जापान में 2.2 फीसदी गिरावट आई। लेकिन, ताइवान में 0.75 फीसदी और हॉन्ग कॉन्ग में 6.2 फीसदी तेजी रही। चीन के बाजार बंद रहे।

NBT की रिपोर्ट के अनुसार प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स 1,264 अंक यानी 1.5% गिरावट के साथ 83,002 अंक पर आ गया था जबकि निफ्टी भी 344 अंक यानी 1.33% के साथ 25,452 तक गिर गया था। सुबह 11 बजे सेंसेक्स 951.20 अंक यानी 1.13% गिरावट के साथ 83,315.09 अंक पर ट्रेड कर रहा था। इसी तरह निफ्टी 295.35 अंक यानी 1.14 फीसदी गिरावट के साथ 25,501.55 अंक पर आ गया।

जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयरों में गिरावट आई। सबसे ज्यादा नुकसान में महिंद्रा एंड महिंद्रा रहा। इसमें 2.23 फीसदी गिरावट रही। एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी इंडिया और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन में भी गिरावट दिख रही है। निफ्टी 50 के शेयरों में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को छोड़कर सभी शेयरों में गिरावट रही। आयशर मोटर्स, बजाज ऑटो, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स और आईसीआईसीआई बैंक में सबसे ज्यादा गिरावट रही।

मेटल को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्सेज में गिरावट आई है। ऑटो में 1.55 फीसदी, रियल्टी में 1.48 फीसदी, एफएमसीजी में 1.07 फीसदी गिरावट आई है। इसी तरह निफ्टी बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, आईटी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस में करीब एक फीसदी गिरावट आई है। जानकारों का कहना है कि ईरान-इजरायल के बीच तनाव बढ़ने और कच्चे तेल की कीमत में उछाल से बाजार में गिरावट आई है।