छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में 29 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, महिलाएं भी शामिल

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छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सल प्रभावित कुतुल एरिया कमेटी के 29 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 22 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं। नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रभात कुमार के सामने इन नक्सलियों ने अपने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने की घोषणा की। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।

एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण के पीछे सबसे बड़ा कारण जिले में हो रहे तेज़ी से विकास कार्य हैं। क्षेत्र में बन रही नई सड़कें, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, शिक्षा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि से प्रभावित होकर कई नक्सली संगठन के विचारों से मोहभंग होने लगे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों को घर, रोजगार और सुरक्षा प्रदान की जा रही है, जिससे उन्हें अपने परिवारों के साथ सामान्य जीवन जीने का अवसर मिल रहा है।

आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार द्वारा 25,000 रुपये का इनाम चेक दिया गया है। इसके अलावा, पुनर्वास नीति के तहत इन्हें विभिन्न लाभ दिए जाएंगे, जिनमें आवास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा शामिल हैं।

एसपी प्रभात कुमार के अनुसार, 2024 से अब तक नारायणपुर जिले में विभिन्न रैंकों के 71 से अधिक माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसके अलावा, 60 से अधिक माओवादी सुरक्षा बलों के अभियानों में मारे गए हैं, जबकि 50 से अधिक को गिरफ्तार किया गया है। इन कार्रवाइयों से माओवादी संगठन की पकड़ कमजोर पड़ रही है और क्षेत्र में शांति बहाल हो रही है।

एसपी ने बाकी बचे नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की। उन्होंने कहा, “सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर वे अपने परिवारों के साथ सुरक्षित जीवन जी सकते हैं और अपने समुदाय के विकास में योगदान दे सकते हैं। हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है, बल्कि विकास और शांति ही सही रास्ता है।”

नारायणपुर जिले का अबूझमाड़ क्षेत्र, जो लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, अब धीरे-धीरे बदल रहा है। लगातार चल रहे विकास कार्य, सुरक्षा बलों की कार्रवाई और आत्मसमर्पण की बढ़ती संख्या से यह संकेत मिल रहा है कि जल्द ही इस क्षेत्र में शांति बहाल होगी और लोग सामान्य जीवन जी सकेंगे।