नई दिल्ली – लोकसभा चुनाव के बीच अयोध्या का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए शुक्रवार को अयोध्या मामले को सूचीबद्ध किया गया है। बता दें कि अयोध्या और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मध्यस्थता से सुलझाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक समिति गठित की और इसे कैमरे की निगरानी में की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित इस कमेटी में अध्यक्ष के रूप में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला के अलावा आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू शामिल हैं। जिसके बाद अब एक बार फिर इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी। बता दें कि अयोध्या और बाबरी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 2010 में फैसला सुनाया था। जिसमें कोर्ट ने विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का फैसला सुनाया था।
शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता को लेकर कमेटी की रिपोर्ट पर सुनवाई करेगा। इससे पहले पिछले महीने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। यह याचिका निर्मोही अखाड़ा की ओर से दाखिल की गई थी जिसमें केंद्र सरकार की अयोध्या में अधिग्रहीत की गई अतिरिक्त जमीन को वापस देने की अर्जी का विरोध किया गया था।