मुंबई: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही महाराष्ट्र कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय पाटिल बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इसे कांग्रेस को बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। बालासाहेब विखे पाटिल के पोते सुजय पाटिल अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं जो राजनीति के क्षेत्र में अपना किस्मत अजमा रहे हैं। सुजय पाटिल ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल होने के साथ ही इस बात का जिक्र किया-‘एक चिकित्सक होने के नाते जिस तरह मरीजों के इलाज को गंभीरता से लेते हैं उसी तरह जनमानस को सहायता देने के लिए हम हमेशा तत्पर रहेंगे। बीजेपी में आकर हमें लगता है कि मैं बेहतर तरीके से जनता से जुड़ सकता हूं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि सुजय पाटिल के लिए महाराष्ट्र के निर्धारित चुनाव संसदीय समिति से बात कर अहमदनगर संसदीय क्षेत्र के लिए उम्मीदवारी के संबंध में बात करेंगे। हालांकि सुजय पाटिल ने कांग्रेस पार्टी अचानक से नहीं छोड़ी है। इसके पीछे सीट की दावेदारी है। राधाकृष्ण विखे पाटिल का परिवार अहमदनगर क्षेत्र से आता है। ये सीट कांग्रेस के सहयोगी दल एनसीपी के पास है। एनसीपी इसे कांग्रेस को नहीं देना चाहती। राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बेटे सुजय के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार से अहमदनगर संसदीय सीट के लिए बात की थी। जब मामला बनते नहीं बना तो सुजय ने बीजेपी का दामन थाम लिया।
महाराष्ट्र में नेता विपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय पाटिल का बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस की ओर से आए कई नेता बीजेपी में अपनी जड़ें जमा चुके हैं।
पालघर लोकसभा सीट पर उपचुनाव जीतने वाले राजेन्द्र गावित भी कांग्रेसी नेता रहे हैं। लेकिन पालघर सीट खाली होने के बाद उन्होंने बीजेपी दामन थामा और संसद पहुंच गए। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि आने वाले दिनों में इन सारे कार्यकर्ताओं का ख्याल रखा जाएगा। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की कमी का नतीजा है कि पालघर संसदीय सीट पर साल 2009 में तकरीबन 1 लाख 40 हजार वोट से जीतने वाले दामू शिगडा को उपचुनाव में महज 47 हजार मत से संतोष कर पांचवे स्थान पर रहना पड़ा।