गोपेश्वर – उच्च गढ़वाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकालीन अवकाश के बाद कल से फिर श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये जायेंगे ।
मंदिर के प्रबंधन ट्रस्ट के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि गढ़वाल आयुक्त बीवीआरसी पुरूषोत्तम ने 8000 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को आज गोविंदघाट गुरूद्वारा में अखंड पाठ के बाद वहां से हेमकुंड साहिब के लिये रवाना किया ।
गोविंदघाट से 21 किलोमीटर दूर हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा समुद्र तल से 15000 फीट की उंचाई पर एक झील के किनारे स्थित है । ऐसी मान्यता है कि सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह ने यहां एक झील के किनारे तपस्या की थी ।
सर्दियों में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण उसे श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है जो जून में दोबारा खोल दिया जाता है । खुले रहने की अवधि के दौरान देश—विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं ।
इस गुरूद्वारे तक पहुंचने के लिये श्रद्धालुओं को पुलना से करीब 18 किलोमीटर की खडी चढाई वाला रास्ता तय करना पडता है ।