हैदराबाद – आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ‘प्रजा वेदिका’ को तोड़ने का आदेश दिया है। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू अभी ‘प्रजा वेदिका’ में ही रह रहे हैं। इस बिल्डिंग को तोड़ने का काम मंगलवार से शुरू होगा।
आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने शनिवार को नायडू के इस घर को अपने कब्जे में ले लिया था। तेलुगू देशम पार्टी ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति कोई सद्भावना नहीं दिखाई, क्योंकि उनके सामान को भी बाहर फेंक दिया गया।
प्रजा वेदिका का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (APCRDA) के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास के एक विस्तार के रूप में किया था। पांच करोड़ रुपये में बने इस बंगले का इस्तेमाल नायडू आधिकारिक उद्देश्यों के साथ ही पार्टी की बैठकों के लिए करते थे।
नायडू ने इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखकर इस बंगले का इस्तेमाल बैठकों के लिए करने देने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया था कि वह इसे नेता प्रतिपक्ष का आवास घोषित कर दे।
लेकिन सरकार ने प्रजा वेदिका को कब्जे में लेने का शुक्रवार फैसला लिया और घोषणा की कि कलेक्टरों का सम्मेलन वहां होगा। पहले ये सम्मेलन राज्य सचिवालय में होना तय था। नायडू इस समय परिवार के सदस्यों के साथ विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं।
टीडीपी नेता और विधान परिषद के सदस्य अशोक बाबू ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी समानों को बाहर फेंक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसर को कब्जे में लेने के सरकार के फैसले के बारे में पार्टी को बताया तक नहीं गया।
नगरपालिका मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने हालांकि, तंज कसा और कहा कि नायडू के साथ उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा, जिस तरह का बर्ताव जगन मोहन रेड्डी के साथ किया गया था, जब वह नेता प्रतिपक्ष थे।