बैंगलुरू: कर्नाटक में दो कांग्रेस विधायकों रमेश जारकीहोली और आनंद सिंह के इस्तीफे के बाद सियासी संकट गहरा जा रहा है। कांग्रेस के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। दो विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है और बहुमत में है। अगर इन दो विधायकों ने पाला बदला तो कुमारस्वामी के सामने इस्तीफा देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।
उधर, कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को विधायकों के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बीजेपी विधायकों को पैसे और पावर की पेशकश कर रही है। बीजेपी कुमारस्वामी सरकार को गिराना चाहती है लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे। फिलहाल कर्नाटक सरकार के लिए कोई खतरा नहीं है। दोनों विधायक बीजेपी में शामिल नहीं होंगे।”
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश दिनेश गुंडू राव ने सोमवार को दबी जुबान में स्वीकार किया था कि कुछ और विधायक पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि उन्होंने भी इस पूरे सियासी संकट के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था। राव का कहना था, “अभी कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार गिर जाएगी। वे इसलिए पार्टी छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें धमकाया गया है, ब्लैकमेल किया गया है और अच्छी खासी पेशकश की गई है।”
कर्नाटक का सियासी संकट और गहराने के पूरे आसार हैं। आने वाले दिनों में महेश कुमाथाली, बीसी पाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल भी इस्तीफा दे सकते हैं। उधर, विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कहा, “मुझसे किसी ने संपर्क नहीं किया। मुझे नए राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी है। मैं इस्तीफा तभी स्वीकार करूंगा जब 20 सदस्य इस्तीफा देंगे। मुझे अभी किसी के इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं है। मुझे कोई नेता नहीं मिला, यहां तक कि आनंद सिंह भी नहीं।”