अब सोमवार तक कर्नाटक पर फैसले के लिए इंतजार!

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बेंगलुरु : कर्नाटक में गठबंधन सरकार को लेकर संकट और गहरा गया है। मुख्यमंत्री एच। डी। कुमारस्वामी ने बहुमत साबित करने के लिये राज्यपाल द्वारा दी गई समयसीमा की शुक्रवार को दो बार अनदेखी की। वहीं विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बिना ही कनार्टक विधानसभा सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी। यानी कर्नाटक पर फैसले के लिए अब सोमवार तक इंतजार करना होगा।

वहीं सूत्रों के मुताबिक, किसी ज्योतिषी ने एचडी कुमारस्वामी को कहा कि अगर वह सोमवार शाम तक बहुमत परीक्षण टालेंगे तो उनकी सरकार बच जाएगी। हालांकि राज्य में अब सभी निगाहें राज्यपाल वजुभाई वाला के अगले कदम पर हैं। कल सदन को स्थगित करने से पहले अध्यक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया कि सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और इसे अन्य किसी भी परिस्थिति में आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इस पर सरकार सहमत हो गई।

कुमारस्वामी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि राज्यपाल सदन की कार्यवाही में हस्तक्षेप कर रहे हैं जब सदन में विश्वास मत पर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री ने न्यायालय से उसके 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण देने का अनुरोध किया है जिसमे कहा गया था कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता है।

कुमारस्वामी ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा है कि राज्यपाल वजूभाई वाला विधानसभा को निर्देशित नहीं कर सकते कि विश्वास मत प्रस्ताव किस तरह लिया जाये। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को भेजे दूसरे संदेश में कहा कि सत्तारूढ़ जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन “प्रथम दृष्टया” सदन का विश्वास खो चुका है।

राज्य में सत्ताधारी गठबंधन जेडीएस-कांग्रेस के 16 विधायकों (13 कांग्रेस और तीन जेडीएस) के इस्तीफा देने और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से प्रदेश सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक कांग्रेसी विधायक रामलिंगा रेड्डी ने हालांकि पलटी मारते हुए कहा कि वह सरकार का समर्थन देंगे।