तिरुपति: भगवान के लिए सभी भक्त बराबर हैं लेकिन भगवान के सामने सभी भक्त बराबर नहीं होते। खास करके मंदिरों में जिनमें स्पेशल या वीवीआई दर्शन की संस्कृति है। देश में सबसे धनवान मंदिर तिरुमला में अब वीवीआईपीए दर्शन बंद होंगे। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी ने घोषणा की जल्द ही वीवीआईपी दर्शन की व्यवस्था तिरुमला में खत्म हो जाएगी। पास से दर्शन की शुरुआत 2012 में हुई। वीवीआईपी दर्शन व्यवस्था को तिरुमला में L1, L2, L3 के नाम से जाना जाता है। इस व्यवस्था को बंद करने के पीछे का कारण ये बताया जा रहा है कि इससे ज्यादा से ज्यादा आम श्रद्धालु दर्शन कर सकें।
लगभग हर दिन भक्तों की भीड़ तिरुपति मंदिर में भगवन के दर्शन के लिए आती है। आम श्रद्धालुओं को घंटों लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ता है लेकिन वीवीआईपी पास धारक अधिकतम एक घंटे में दर्शन कर लेते हैं। ऐसे में आम श्रद्धालुओं को भी दिक्कत होती है। देवस्थानम बोर्ड के ऊपर भी इन वीवीआईपीएस को दर्शन कराने की चुनौती होती है।
L1 को सबसे शीर्ष श्रेणी में यानी वीवीआईपी माना जाता है। विधायक, मंत्री (किसी भी राज्य या केंद्र के), सांसद, आईएएस, आईपीएस, जज, उद्योगपति, सितारे इसमें शामिल हैं। रोजाना लगभग 450 लोग इस श्रेणी के तहत दर्शन करते हैं। L2 में वीआईपी आते हैं। लगभग 1500 लोग रोजाना इस श्रेणी में दर्शन करते हैं। तीसरी श्रेणी L3 है जिसमें वीआईपी भगवान से थोड़ी दूर हाथ जोड़कर प्रार्थना कर सकते हैं।
चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा, मैंने जिस दिन से चार्ज संभाला है, तब से मेरी कोशिश यहां पर व्यवस्थाओं को अपने सीएम जगन मोहन रेड्डी के आदेशानुसार चलाने की है। उन्होंने साफ कहा है कि यहां पर हर काम में पूरी पारदर्शिता हो। यही मैंने देवस्थानम बोर्ड में किया है। इसी के तहत हमने तय किया है कि अब हम L1 L2 और L3 जैसी वीवीआईपी व्यवस्था को खत्म कर दें। इससे आम श्रद्धालुओं को महत्व दे सकेंगे।