चमोली: ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘1008’ महाराज के दिव्य आगमन से ज्योतिर्मठ में उल्लास की ज्योति प्रज्वलित हो उठी। हरिद्वार से प्रस्थान कर महाराजश्री ने 9 बजे यात्रा आरंभ की और संध्या 5 बजे ज्योतिर्मठ की पुण्यभूमि पर पहुंचे। मार्ग भर नगरवासियों ने पारंपरिक रीति से महाराजश्री का भव्य स्वागत किया। दंडीस्वामी प्रत्यक्चैतन्यमुकुंदानंदगिरी जी के नेतृत्व में मठ के विद्यार्थियों और भक्तों ने भावविभोर होकर जयघोष किया। सेलंग गांव के निकट नगर सीमा पर स्वागत की रस्म निभाई गई।
महाराजश्री ने “गोमाता राष्ट्रमाता प्रकल्प” पर प्रकाश डालते हुए कहा “हमारी पहली रोटी गोमाता के लिए होती है। गाय मात्र दुग्धदायिनी नहीं, साक्षात् 33 कोटि देवताओं का निवास है। गाय रहेगी तभी मठ की ज्योति जलती रहेगी, तभी आस्था की लौ अमर रहेगी!”
मठ में गोघृत के प्रबंध के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहल की घोषणा करते हुए शंकराचार्य जी ने बताया कि “हर विधानसभा क्षेत्र में ‘रामा गोधाम’ की स्थापना का संकल्प लिया गया है, ज्योतिर्मठ से इसकी शुरुआत होगी।”
अक्षयतृतीया से गोमाता की पहचान के लिए DNA परीक्षण की योजना का भी श्रीगणेश किया जाएगा। दंडी स्वामी जी ने बताया कि अक्षयतृतीया के दिन विशाल भंडारा भी आयोजित होगा, जहां धर्मप्रेमीजनों को सत्संग और प्रसाद का लाभ मिलेगा।
मठ के व्यवस्थापक विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी जी ने वैदिक मंत्रोच्चार से शंकराचार्य जी की पादुका पूजन विधि संपन्न करायी। सभा का समापन नगर पालिका अध्यक्षा सुश्री देवेश्वरी शाह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
इस पुण्य अवसर पर कुशलानंद बहुगुणा, पीठ पुरोहित आनन्द सती, शिवानंद उनियाल, महिमानंद उनियाल, जयदीप मंद्रवाल (सभासद), सौरभ राणा (सभासद), प्रदीप भट्ट (सभासद), विक्रम फर्स्वाण, समीर डिमरी, वैभव सकलानी, जगदीश उनियाल, प्रवीण नौटियाल, अमित तिवारी सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
भक्तों के लिए विशेष सूचना
27 अप्रैल से प्रतिदिन सायं 5 बजे से 7 बजे तक सत्संग एवं शंकराचार्य जी के आशीर्वचन का आयोजन होगा। वैशाख शुक्ल सप्तमी (10 मई) को भगवान बदरीनाथ जी के कपाट खुलने तक महाराजश्री ज्योतिर्मठ में विराजमान रहेंगे।