उत्तरकाशी: रवांल्टी कवि सम्मेलन बन रहा लोगों की पहली पसंद, रवांल्टी भाषा के संवर्धन में अहम भूमिका

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बड़कोट : रंवाई शरदोत्सव का 9 नवंबर को समापन हो गया है। शरदोत्सव में विभिन्न आयोजन किए गए। गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी से लेकर हिमाचाली गायक कुलदीप शर्मा, रेश्मा शाह, मनोज सागर और सुंदर प्रेमी से लेकर कई स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। स्कूली बच्चों को भी मंच मिला। लेकिन, शरादोत्सव का मुख्य आकर्षण रवांल्टी कवि सम्मेलन रहा। इस मौके पर रवांल्टी में रिकॉर्ड की गई साहित्यकार शिक्षक दिनेश रावत की लिखी रवांल्टी सरस्वती वंदना भी रिलीज की गई।

कवि सम्मेलन में 12 कवियों को आमंत्रित किया गया था, जिन्होंने अपनी कविताओं के जरिए लोगों को समाज में सकारात्मकता लाने का संदेश दिया। वहीं, हास्य और व्यंग्य के जरिए समाज में आ रही विकृतियों की ओर भी लोगों का ध्यान खींचा। रवांल्टी कवि सम्मेलन की अध्यक्षता देश के मूर्धन्य साहित्यकारों में शामिल महावीर रवांल्टा ने की। उन्होंने कहा कि रवांल्टी कवि सम्मेलन रवांल्टी भाषा आंदोलन का एक अहम हिस्सा है। यह वह जरिया है, जिसके जरिए हम सीधेतौर पर अपने समाज के बीच में जाकर अपनी भाषा में कविताएं सुना सकते हैं और कविताओं के जरिए अपनी भाषा, अपने समाज और अपनी संस्कृति को संरक्षित करने का संदेश दे सकते हैं।

कवि सम्मेलन में युवा कवि अनोज रावत ने युवाओं के बेतरतीब फैसन और नशे से बर्बाद होते युवाओं को जागरूक करने का प्रयास किया। साहित्यकार दिनेश रावत ने समाज में आ रही विकृतियों की ओर ध्यान खींचा। राजुली बत्रा ने पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया। भारती आनंद ने बेटी-पढ़ाओ, बेटी बचाओ का संदेश दिया। प्रेम पंचाली ने गांवों में हो रहे भ्रष्टाचार पर केंद्रित कविता प्रस्तुत की। साहित्यकार शिक्षक ध्यान सिंह रावत ने समाज में खान-पान और रिश्तों में आ रहे बदलाव पर आधारित कविता का पाठ किया।

पत्रकार और रवांल्टी कवि प्रदीप रावत रवांल्टा ने समाज में आ रहे बदलावों पर आधारित कविताओं का पाठ किया। वहीं, लोक गायक और शिक्षक अनिल बेसारी ने अगर मैं नेता होता कविता सुनाकर वाहवाही लूटी। कवियत्री अनुरूपा अनुश्री ने बदलते वक्त में परिवार में आए बदलाव पर अपनी कविता का पाठ किया। वहीं, बावरी और जौनसारी कवि नीरज उत्तराखंड ने प्रेम पर आधारित अपनी हास्य कविता से लोगों को खूब गुदगुदाया। जबकि, पहली बार कविता पाठ कर रहे शांति बेलवाल ने नशाखोरी पर आधारित कविता का पाठ किया।

रवांल्टी में सरस्वती वंदना
रवांल्टी भाषा आंदोलन इस बार एक कदम और आगे बढ़ा है। जहां प्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा की कविताओं को गीतों के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा चुका है। वहीं, अब साहित्यकार और शिक्षक दिनेश रावत की रवांल्टी सरस्वती वंदना भी रिलीज हो गई। इस वंदना को संगीत में डॉक्ट्रेट कर रही किरन चौहान ने सुरों से सजाया और वहीं, राकेश भट्ट ने संगीत दिया। रवांल्टी भाषा में लिखी गई वंदना में शास्त्रीय संगीत दिया गया है। वंदना को काफी पसंद किया जा रहा है। बहुत जल्द यह वंदना स्कूलों में भी सुबह के वक्त सुनाई देने लगेगी।

कवियों बा भव्य स्वागत
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष अनुपमा रावत और सभासदों ने रवांल्टी कवि सम्मेलन में आए कवियों का फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर कवियों को मंच तक पहुंचा गया और मंगल तिलक लगाते हुए केदारपाती के दल भेंट करते हुए उड़द की दाल के पकौड़े परोसते हुए स्वागत-सत्कार किया गया।

सम्मानित भी किया
कवि सम्मेलन के बाद सभी कवियों को सम्मानित भी किया गया। सभी को शाल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। साथ ही कार्यक्रम के दौरान लोगों ने भी भरपूर सम्मान दिया।